अमेरिका की मॉडर्ना इंक (Moderna Inc.) ने कोरोना वायरस के निपटने का वैक्सीन बना लेने का दावा किया है. कंपनी का कहना है कि उनकी वैक्सीन कोरोना संक्रमण के बचाव में 94.5% कारगर साबित हुई है. इस बीच, कंपनी ने कहा है कि मॉडर्ना वैक्सीन की एक खुराक के लिए सरकार से 25-37 अमेरिकी डॉलर 1,854-2,744 रुपये ले सकती है.
मॉडर्ना के कार्यकारी अधिकारी (CEO) स्टेफन बांसेल ने बताया कि वैक्सीन की कीमत उसकी मांग पर निर्भर करती है. जर्मन साप्ताहिक वेल्ट एम सोनटैग से बातचीत में स्टेफन बांसेल ने कहा, 'हमारे वैक्सीन की कीमत 10-50 डॉलर यानी 741.63 से 3,708.13 रुपये तक आ सकती है.'
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सोमवार को वार्ता में शामिल यूरोपीय संघ के एक अफसर ने बताया कि यूरोपीय संघ को वैक्सीन की करीब लाखों खुराक की जरूरत होगी. यूरोपीय यूनियन प्रति खुराक 25 डॉलर (1,854 रुपये) से कम कीमत पर आपूर्ति के लिए मॉडर्न के साथ सौदा करना चाहता था.
यूरोपीय यूनियन के साथ सौदे पर बांसेल का कहना था, 'अभी तक लिखित तौर पर या औपचारिक तौर पर कुछ भी नहीं हुआ है, लेकिन हम यूरोपीय कमीशन के साथ बातचीत कर रहे हैं और काफी हद तक सौदे को पक्का करने के करीब हैं. हम यूरोप में पहुंचाना चाहते हैं और हमारी बातचीत भी सही दिशा में जा रही है.' मॉडर्ना के सीईओ ने कहा कि सौदा पक्का होने में जितना दिन लग जाएं वैसे करार होना तो पक्का है.
मॉडर्ना ने कहा कि क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम डेटा में पाया गया है कि उसकी वैक्सीन कोविड से बचाव में 94.5 फीसदी प्रभावी साबित हुई है. अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी का कहना है कि उसकी वैक्सीन mRNA-1273 जल्द ही आ जाएगी.
कंपनी को उम्मीद है कि इस साल के आखिर तक वैक्सीन के दो करोड़ डोज ला देगी. कंपनी का दावा है कि अगले साल तक सौ करोड़ डोज वो तैयार कर लेगी, लेकिन लोगों तक इस दवा को पहुंचाने के लिए मॉडर्ना कंपनी को कई औपचारिकताओं से गुजरना होगा. कंपनी बहुत जल्द ही सरकार से इसके इस्तेमाल की इजाजत मांगेगी. फिलहाल कम से कम जुलाई से यूरोपीय संघ अपने कोरोना वैक्सीन के लिए बातचीत कर रहा है.
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