Bihar Election 2020: बिहार में लकड़सुंघवा और बदहजमी से बचने की सीख दे गए PM नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार की चुनावी सभाओं में लोगों को एक तरफ बिहार के पिछड़ेपन की वजह बताई तो दूसरी ओर राज्य को बीमार करने वाले तत्वों से सावधान किया। इस क्रम में उन्होंने लकड़सुंघवा का जिक्र करते हुए बदहजमी वाली चीजों से परहेज की सलाह दी। छपरा, समस्तीपुर, मोतिहारी और बगहा की चुनावी सभाओं में उनकी ये बातें कॉमन थीं।

...तब लकड़सुंघवा का नाम ले बच्चों को डराती थीं माताएं

कहा कि एक समय था जब माताएं अपने बच्चों को घर से बाहर निकलने से मना करते हुए लकड़सुंघवा का नाम लेकर डराती थीं। उस समय राज्य में अपहरण चरम पर था। लोग डरते थे कि कहीं उनके बच्चे का अपहरण न हो जाए। लोगों से यह सवाल भी किया कि यदि कोई चीज खाने से आपको बदहजमी हो जाए तो क्या आप उसे दोबारा खाना पसंद करेंगे? ऐसे तत्वों से परहेज करने की जरूरत है।

सपनों का किसी ने नहीं किया ख्याल

बिहार की मेधा और श्रमशक्ति के महत्व को इंगित करते हुए कहा कि यहां के लोगों ने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। राज्य के महापुरुषों की चर्चा करते हुए उनकी दूरदर्शिता को सम्मान दिया। कहा कि जो उन्होंने सपने देखे उसका किसी ने ख्याल नहीं रखा। बिहार में उद्योग-धंधे सरकार की गलत नीतियों के कारण बंद हो गए। कुछ लोग चुनाव के समय गरीब-गरीब की माला जपते हैं। चुनाव के बाद अपने परिवार का कुनबा लेकर बैठ जाते हैं। ऐसे लोग विकास की योजनाओं का मजाक उड़ाते हैं। विरोध जताते हैं। नकारात्मकता भरी हुई है।

अराजकता और सुशासन का फर्क जानते हैं बिहार के लोग 

बिहार में रोजगार तभी मिलेगा जब यहां उद्योग खुलेंगे। उद्योग के लिए निवेश के साथ-साथ अच्छे माहौल की जरूरत है। पीएम ने वामपंथियोंं पर भी निशाना साधा। कहा कि ये उद्योग-धंधे बंद कराने वाले लोग हैं। बिहार में एक तरफ डबल इंजन की सरकार है तो दूसरी तरफ दो युवराज के साथ-साथ जंगलराज के युवराज। अराजकता और सुशासन का फर्क बिहार के लोग जानते हैं।


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