पूरे देश में गुस्सा भर देने वाले हाथरस कांड में रोज कुछ नया सामने आ रहा है. इस केस में अब तक आपने कई लोगों के बयान सुने होंगे. लेकिन हम आपको पहली बार उस शख्स का बयान बताने जा रहे हैं, जिसका दावा है कि वो सबसे पहले मौका-ए-वारदात पर पहुंचा था. या आप कह सकते हैं कि वो घटना के वक्त मौका-ए-वारदात से चंद कदमों की दूरी पर ही मौजूद था.
हम बात कर रहे हैं हाथरस कांड के चश्मदीद विक्रम सिंह की. दरअसल, जहां पीड़िता गंभीर हालात में मिली थी वो खेत विक्रम सिंह का ही है. विक्रम का दावा है कि वह सुबह अपने खेत में चारा काट रहा था. जब उसने लड़की के चीखने की आवाज सुनी तो वो मौके की तरफ भागा था. विक्रम का दावा है कि 14 सितंबर को जब वह सुबह अपने खेत में था. तभी उसने लड़की की चीखने की आवाज सुनी थी.
विक्रम के मुताबिक जब वो मौके पर गया, तो उसने देखा कि उसके खेत में ही लड़की जमीन पर पड़ी हुई थी. पीड़ित लड़की का बड़ा भाई और लड़की की मां वहां खड़े थे. विक्रम के मुताबिक वो घबरा गया था. लड़की के गले पर चोट थी. वो भाग कर लवकुश और उसकी मां को ये बताने के लिए पास के खेत में गया और उन्हें मौके पर चलने के लिए कहा.
विक्रम का दावा है कि जब वो वापस आया तो लड़की का भाई मौके से जा चुका था. लड़की खेत में ही पड़ी हुई थी और उसकी मां वहां अकेले खड़ी थी. लड़की की मां ने कहा कि मेरे बेटे को घर से बुला लाओ. विक्रम का दावा है कि जब वो लड़की के घर गया और लड़की के भाई को कहा कि चलो तुम्हारी बहन की हालत खराब है. तो लड़की के भाई ने कहा "जब 5-6 लोग आ जाएंगे तब मैं आऊंगा."
विक्रम का कहना है कि उसके बाद वह अपने घर आया और सबको लड़की के बारे में बताया. फिर गांव में भीड़ जुटी और सब मौका-ए-वारदात की तरफ गए. बता दें कि अब इस पूरे मामले की छानबीन सीबीआई कर रही है.
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