पश्चिम बंगाल: 'ऐंटी हिंदू' आरोप के बाद ममता ने चला ब्राह्मण दांव, पुजारियों और हिंदी भाषियों के लिए खोला पिटारा


पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले वोट बैंक की राजनीति तेज हो गई है। बंगाल में सियासी हिंसा के बीच मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू विरोधी आरोपों से घिरी ममता बनर्जी ने ब्राह्मण दांव चल दिया है। बंगाल के ब्राह्मण और हिंदी भाषियों को लुभाने के लिए ममता सरकार ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। ममता सरकार ने राज्य के 8,000 से अधिक गरीब सनातन ब्राह्मण पुजारियों को 1,000 रुपये मासिक भत्ता और मुफ्त आवास देने की घोषणा कर दी।

दरअसल, बंगाल में सियासी हिंसा को लेकर कुछ दिन पहले ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता बनर्जी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया था। अल्पसंख्यकों के प्रति झुकाव को लेकर ममता सरकार पर पहले भी आरोप लगते आए हैं लेकिन ब्राह्मण कार्ड खेलकर अब ममता ने विपक्ष के आरोप का जवाब दिया है। बंगाल में इमाम और मुअज्जिनों को वक्फ स्टेट बोर्ड से इसी तरह का भत्ता मिलता आया है। इसके लिए बोर्ड को टीएमसी सरकार से ग्रांट मिलती है।

14वीं शताब्दी के मंदिरों के जीर्णोद्धार का ऐलान
ममता ने एक दलित अकादमी की स्थापना के साथ हिंदी अकादमी और राजबंशी अकादमी के विस्तार का ऐलान भी किया। इसके अलावा उन्होंने जिलों में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे के नवीनीकरण की योजना का अनावरण किया। इस दौरान ममता ने अपनी सरकार के 'सर्ब धर्म समन्वय' प्रस्ताव के तहत बिष्णुपुर के बंकुरा स्थित 14वीं शताब्दी के मंदिरों के जीर्णोद्धार पर विशेष जोर दिया।

दिनेश त्रिवेदी को बनाया हिंदी सेल का चेयरमैन
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी प्रकोष्ठ की शुरुआत की। पूर्व रेल मंत्री और पार्टी के गैर-बंगाली चेहरे दिनेश त्रिवेदी को पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस हिंदी प्रकोष्ठ का चेयरमैन नियुक्त किया गया।

ममता बोलीं- ब्राह्मणों ने की थी गुजारिश
ममता सरकार ने कोलाघाट में सनातन हिंदू धर्म के लिए तीर्थस्थान के निर्माण के लिए ब्राह्मणों में मुफ्त में जमीन देने का फैसला किया है। ममता ने सचिवालय में कहा, 'इससे अन्यथा मत लीजिए। करीब 8,000 गरीब ब्राह्मणों ने मुझसे गुजारिश की थी। हमने उन्हें 1,000 रुपये का मासिक भत्ता देने और बांग्ला आबास योजना के तहत उनके लिए घर निर्माण का फैसला किया है।' ममता ने कहा, 'यह मानदेय है। हम ईसाई पादरियों की ऐसी ही विनती पर ध्यान देने जा रहे हैं। 8,000 ब्राह्मण को पूजा माह (अक्टूबर/नवंबर) से भत्ता मिलेगा।'

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