बंगाल के रण में मुख्यमंत्री कैंडिडेट घोषित किए बगैर उतरेगी BJP, विजयवर्गीय ने दिए संकेत


पश्चिम बंगाल की सियासत में सियासी जमीन तलाशती रही भारतीय जनता पार्टी के लिए 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले रहे थे. लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी भाजपा अब मिशन 2021 की तैयारी में जुटी है. मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर चल रही चर्चा के बीच भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने संकेत दिए हैं कि पार्टी सीएम कैंडिडेट घोषित किए बगैर चुनावी रण में उतरेगी.

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि सरकार बनने की स्थिति में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह पार्टी के निर्वाचित विधायक तय करेंगे. उन्होंने कहा कि हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे और नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में जीत दर्ज कर सूबे में सरकार बनाएंगे. यहां के विधायक ही यहां के नेता का चयन करेंगे. विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे यहां लोकतंत्र है. हमारे पास सामूहिक नेतृत्व है.

भाजपा के बंगाल प्रभारी ने कहा कि दिलीप घोष, मुकुल रॉय, राहुल सिन्हा और पूरी टीम एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी. वहीं, मुख्यमंत्री पद को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आकांक्षा भी बताई जा रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय तक, कई ऐसे चेहरे हैं जो सीएम पद की रेस में शामिल माने जा रहे हैं.

सीएम पद को लेकर चल रहे कयासों के तथागत रॉय का भाजपा में शामिल होने का ऐलान करना और साथ ही यह कहना कि वे संघ के एक निष्ठावान स्वयंसेवक हैं, चर्चा को और हवा दे गया. मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस सवाल पर तथागत रॉय ने कहा कि ऐसा नहीं कहा जा सकता. मुख्यमंत्री को लेकर अंतिम निर्णय विधायक करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें पहले चुनाव जीतना है. भाजपा में शामिल होना मेरा तात्कालिक लक्ष्य है.

चुनाव से पहले भाजपा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी या नहीं, इस सवाल पर तथागत रॉय ने कहा कि इसपर नेतृत्व फैसला लेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अभी पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं. इस सब विषयों को लेकर नेतृत्व ही टिप्पणी करेगा.

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