पाकिस्तान के कराची में बुधवार को निकाली गई 'कराची रैली' पर ग्रेनेड हमला हुआ जिसमें कम से कम 30 लोग घायल हो गए. कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ यह रैली निकाली गई थी. 5 अगस्त को इसकी पहली वर्षगांठ थी जिसके विरोध में कराची में यह रैली निकाली गई.
ग्रेनेड हमले में घायल हुए लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इनमें एक की हालत गंभीर है. कराची के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी. कराची पुलिस प्रमुख गुलाम नबी मेनन ने रॉयटर्स से कहा, रैली पर ग्रेनेड से हमला किया गया जिसमें कई लोग घायल हैं. इस हमले की जिम्मेदारी सिंधुदेश रिवॉल्युशनरी आर्मी (एसआरए) नामक संगठन ने ली है. यह एक अलगाववादी संगठन है जो पिछले कुछ महीने में काफी सक्रिय हुआ है.
जून महीने में इस इलाके में तीन धमाके हुए थे जिसकी जिम्मेदारी एसआरए ने ली थी. इसमें 4 लोगों की जान चली गई थी जिनमें 2 जवान भी शामिल थे. इस संगठन की मांग है कि सिंध प्रांत को कराची से अलग कर दिया जाए. इस प्रांत की राजधानी कराची है. एसआरए ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी से भी अपने गठबंधन का ऐलान किया है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी एक उग्रवादी संगठन है जो दक्षिण पश्चिमी पाकिस्तान में बलूचिस्तान क्षेत्र की आजादी की मांग करता है.
रैली पर ग्रेनेड हमला तब हुआ जब पूरे पाकिस्तान में कश्मीर को लेकर रैलियां निकाली गई थीं. कराची रैली को जमात-ए-इस्लामी ने आयोजित की थी. हमले के बाद रैली को रोक दी गई. पिछले साल भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस ले लिया था. सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था.
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