पाकिस्तान के पेशावर में ईशनिंदा के आरोपी एक व्यक्ति को अदालत में घुसकर गोली मार दी गई. भरी अदालत में हमलवारों ने 6 गोलियां दागकर ताहिर नसीम नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी, जो अहमदी समुदाय से ताल्लुक रखता था. इस घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है, यहां तक की अमेरिका ने भी इस घटना की निंदा की है और तुरंत एक्शन लेने को कहा है.
ताहिर नसीम को दो साल पहले पेशावर में ही ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उनपर पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने का आरोप था. बुधवार को पेशावर की एक अदालत में जब इस मामले की सुनवाई चल रही थी, तब जज के सामने ही कुछ लोग आए और लगातार फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में ताहिर को 6 गोली लगीं, जिससे उसकी मौत हो गई.
पाकिस्तान की स्थायी मीडिया के मुताबिक, ताहिर 2018 से ही पुलिस की गिरफ्त में था, उसपर कई मामलों में केस चल रहा था. जो धाराएं उसपर लगाई गई थीं उसमें अधिकतम सजा फांसी की है.
इस घटना पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण एशियाई विभाग का ट्वीट आया है. ट्वीट में कहा गया है कि पाकिस्तान की अदालत में मारे गए अमेरिकी नागरिक ताहिर नसीम के परिवार के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं. पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वो आरोपियों पर सख्त एक्शन ले और आगे इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाए.
आपको बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर काफी कड़ा कानून है, जिसपर कई बार बवाल भी हो चुका है. दूसरी ओर अहमदी समुदाय के लोगों को गैर-मुस्लिम घोषित किया गया है, यही वजह है कि पिछले काफी वक्त में यहां अहमदी लोगों पर हमले बढ़े हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो दशक में सौ के करीब अहमदी समुदाय के लोगों की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई हैं, इसके अलावा सामाजिक स्तर पर उनका बहिष्कार लगातार जारी है. पिछले एक दो साल में पाकिस्तान में इस कानून के खिलाफ काफी आक्रोश भी देखने को मिला है और हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था.