गलवान जैसी झड़प नहीं दोहराने पर भारत-चीन में सहमति, 72 घंटों तक एक-दूसरे पर रखेंगे नजर


भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ताओं के बावजूद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव जस का तस बना हुआ है. 30 जून को हुई 12 घंटे की कोर कमांडरों की बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकला. इस बीच चीन की अखबार ग्लोबल टाइम्स का दावा है कि दोनों देश चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने के लिए तैयार हैं.

इस बीच चीन के खिलाफ सरहद पर मोर्चा मजबूत करने के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-चीन तनाव के ग्राउंड जीरो तक जाएंगे. राजनाथ सिंह शुक्रवार यानि कल लेह पहुंचेंगे और पूर्वी लद्दाख में चीन से बने तनाव की स्थिति पर सुरक्षा हालातों की समीक्षा करेंगे. रक्षा मंत्री लद्दाख में तैनात जवानों से भी मिलेंगे और गलवान के वीरों से मिलने लेह के अस्पताल जाएंगे.

30 जून को चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन ने भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह से 12 घंटों की बातचीत की, लेकिन बातचीत वहीं की वहीं अटकी हुई है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक खबर है कि दोनों देश 15 जून जैसी खूनी भिड़ंत फिर ना करने पर सहमत हैं.

भारत और चीन में सहमति बनी है कि 72 घंटों तक दोनों पक्ष एक दूसरे पर निगरानी रखेंगे कि जिन बातों पर एक राय बन गई उसे जमीन पर उतारा जा रहा या नहीं. इधर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि भारत और चीन LAC पर तनाव कम करने पर सहमत हो गए हैं. दोनों देशों में चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने पर सहमति बन गई है.

चीनी अखबार ने सूत्र के हवाले से कहा कि भारत और चीन LAC पर स्थिति को शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रभावी उपाय करेंगे. ग्लोबल टाइम्स के इस दावे पर अभी तक कोई मुहर नहीं लगी है. सूत्रों के मुताबिक चीन 22 जून की बैठक में भी चरणबद्ध तरीके से सरहद से हटने को तैयार हो गया था लेकिन 8 दिन बाद भी हालात में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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