श्रीराम जन्मभूमि होगा मंदिर का नाम, स्टील-लोहे का नहीं होगा इस्तेमाल, बनेगा विशाल मंडप


अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियां अंतिम चरण में है. सूत्रों से खबर है कि राम मंदिर के डिजाइन में खास बदलाव किया जा सकता है. मंदिर का नाम श्रीराम जन्मभूमि मंदिर होगा और मंदिर पहले की अपेक्षा करीब दोगुना बड़ा होगा. नए परिवर्तित डिजाइन में प्रार्थना के लिए मंडप की व्यवस्था की गई है.

राम मंदिर के नए डिजाइन में जो मंडप बनाने का प्रस्ताव है, उसमें एक बार में करीब पचास हजार श्रद्धालुओं के बैठने की क्षमता होगी. गर्भ गृह के शिखर मंडप को छोड़कर रंग मंडप, नृत्य मंडप और गुड़ मंडप का आकार बड़ा होगा. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में स्टील या लोहे का प्रयोग नहीं होगा. पूरा मंदिर पत्थरों पर खड़ा होगा.

सूत्रों के मुताबिक, जमीनी तल यानी ग्राउंड फ्लोर 12 फीट के पिंक स्टोन के होंगे, जो फाउंडेशन फ्लोर होगा. इसी तल पर भगवान राम का गर्भगृह होगा. पहले तल यानी फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार होगा, जबकि दूसरा तल यानी सेकेंड फ्लोर खाली होगा. ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह और अग्रभाग होंगे. इसके साथ ही सिंहद्वार भी होगा.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भूमि पूजन अनुष्ठान की पूरी तैयारी खुद देख रहे हैं और मुहूर्त को लेकर भी विशेष तैयारी की गई है. मुहूर्त का वक्त 5 अगस्त को ठीक दोपहर 12 बजकर 15 मिनट और 15 सेकेंड के बाद 32 सेकंड के भीतर शुभ अभिजीत मुहूर्त होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूमि पूजन के लिए चांदी की ईंटें रखनी होंगी.

दरअसल, 32 सेकंड का यह खास स्वार्थ सिद्धि योग वक्त तय हुआ है. माना जाता है कि भगवान श्री राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था. इसीलिए राममंदिर के भूमिपूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त चुना गया है. पीएम नरेंद्र मोदी 40 किलो चांदी की ईंट श्रीराम शिला का पूजन कर इसे स्थापित करेंगे.

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