कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो दिवसीय बैठक में बोलने के लिए बंगाल को टाइम स्लॉट नहीं दिए जाने को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए राज्य का अपमान बताया है। माना जा रहा है कि पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को दूसरे चरण की होने वाली इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिस्सा नहीं लेंगी। हालांकि इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन तृणमूल नेताओं के रुख से साफ है कि ममता इसमें हिस्सा नहीं लेंगी।
राज्य सचिवालय नवान्न के सूत्रों का कहना है कि कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ इस बैठक में बोलने के लिए बंगाल को कोई भी टाइम स्लॉट नहीं दिया गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ बातचीत की। वहीं, बुधवार को प्रधानमंत्री 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें बंगाल भी शामिल है। इधर, राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि हालांकि बंगाल का नाम बुधवार को दूसरी सूची में शामिल है, लेकिन कोरोना महामारी की स्थिति के बारे में बताने के लिए राज्य को कोई समय स्लॉट करने का उल्लेख नहीं किया गया है। इधर, इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद डॉ काकोली घोष दस्तीदार ने मंगलवार को ट्विटर के जरिए केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर आप हमारी सीएम से इतना डरते हैं कि आप उन्हें बोलने भी नहीं दे सकते तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के लिए क्यों कह रहे हैं?
वहीं, तृणमूल के राज्यसभा सदस्य व पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने भी इस पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट किया,'ऐसा लगता है कि केंद्र को कोविड-19 पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रचनात्मक आलोचना से खुद के पोल खुलने की चिंता है, इसीलिए हमारी माननीय सीएम को पीएम के साथ वीसी के लिए सिर्फ एक मूकदर्शक बनने के लिए कहा गया है। बंगाल के लोग इसे माफ नहीं करेंगे!' उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री संभवतः छठी बार मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इससे पहले भी एक बार ममता बनर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था।
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