बेलूर मठ श्रद्धालुओं के लिए खुला, तारापीठ अब भी बंद


कोलकाता: रामकृष्ण मठ और मिशन का मुख्यालय बेलूर मठ 82 दिनों के बाद सोमवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया और पहले दिन करीब 250 श्रद्धालु यहां आए। बेलूर मठ के एक प्रवक्ता ने बताया कि परिसर में स्थित चारों मंदिरों को दिन में दो चरणों में खोला गया। सुबह नौ बजे से 11 बजे तक और उसके बाद शाम में चार से छह बजे तक मंदिर खुले रहे। उन्होंने बताया कि सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी और बिना मास्क वाले श्रद्धालुओं को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने पर खास ध्यान दिया गया। हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित बेलूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी। सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कई धार्मिक स्थल इस महीने श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं।

लेकिन तारापीठ मंदिर और कालीघाट मंदिर अब भी श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं।प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर 13 जून को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था।तारापीठ ने पहले घोषणा की थी कि यह मंदिर 15 जून से खुल जाएगा। हालांकि, मंदिर समिति के सचिव तारामॉय मुखर्जी ने कहा, ‘‘ हमने पहले के फैसले को स्थगित करने का निर्णय लिया है। मौजूदा स्थिति काफी चिंताजनक है क्योंकि कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।’’ मुखर्जी ने कहा कि मंदिर प्रशासन मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में होने वाले फैसले की राह देख रहा है। इस बीच, बीरभूम में स्थित प्रसिद्ध बक्रेश्वर मंदिर भी सोमवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।


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