एंटी करप्शन ब्यूरो धनबाद की टीम ने गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाने के सब इंस्पेक्टर शत्रुघ्न प्रसाद सिंह को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। सिंह केस डायरी में मदद के नाम पर रिश्वत ले रहे थे। इसी दाैरान एसीबी ने छापा मार उन्हें दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद सब इंस्पेक्टर को एसीबी के धनबाद ऑफिस में लाया गया। यहां पूछताछ करने के बाद उन्हें धनबाद जेल भेज दिया गया। एसीबी ने यह कार्रवाई रूप किशोर मेहता की शिकयात के आधार पर शुक्रवार को की।
चितमाडीह गांव निवासी शिकायतकर्ता मेहता और उन्हीं गांव के राकेश कुमार व प्रदीप वर्मा के बीच जमीन विवाद को लेकर 29 मई को मारपीट हुई थी। दोनों पक्षों ने बेंगाबाद थाना में मामला दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता का कहना है कि केस के अनुसंधानकर्ता एसआइ शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने केस को मजबूत करने के लिए 5 हजार रुपये की मांग की थी। रुपया नहीं देने पर केस को असत्य कर देने की बात कही थी। इसके बाद मेहता ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धनबाद के कार्यालय में एसआइ के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर एसीबी के अधिकारी ने बेंगाबाद आकर मामले की सत्यता की जांच की। इसके बाद टीम ने उसे दबोचने की योजना बनाई। योजना के अनुसार उसे रिश्वत देने भेजा गया। एसआइ बेंगाबाद थाने में ओडी ड्यूटी पर बैठे थे। इसी दाैरान मेहता ने एसआइ को 5 हजार रुपये दिए। इसी के साथ आसपास मौजूद एसीबी की टीम ने दबोच लिया। इसके बाद आरोपित एसआइ को टीम अपने साथ ले गई।
गिरफ्तारी के बाद एसआइ सिंह ने अपनी सफाई में कहा कि रूपनारायण अपने केस में आरोपित बनाए गए लोगों को जल्द पकड़ने की बात कह रहा था। ऐसा नहीं होने पर वह नाराज चल रहा था। उसे सदर अस्पताल का डिस्चार्ज पेपर दिखाने को कहा गया था। उसने पेपर के साथ खर्च के नाम पर कुछ रुपया भी अपने मन से लपेटकर दिया और रखने की बात कही। उन्होंने उससे कभी पैसे की मांग नहीं की थी। माले नेता राजेश यादव, राजेश सिन्हा, जिप सदस्य मनौवर हसन, राजेन्द्र मंडल आदि ने कहा कि यह थाना लंबे समय से घूसखोरी का केंद्र बना हुआ था। यहां केस-मुकदमा के नाम पर रिश्वतखोरी का धंधा आम बात हो गई है। इस रवैये से आम लोग परेशान हैं।
छापामारी का नेतृत्व एसीबी धनबाद के डीएसपी अशोक कुमार कर रहे थे। उनके साथ इंस्पेक्टर जुल्फिकार अली, विनोद पासवान थे। बेंगाबाद से सब इंस्पेक्टर को धनबाद लाकर पूछताछ की गई। इसके बाद धनबाद मंडल कारा में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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