प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक हुई. दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिसमें कठिन दौर से गुजर रहे MSME सेक्टर की हालत दुरुस्त करने के लिए 20 हजार करोड़ लोन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. वहीं, किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने 14 फसलों में 50 से 83 फीसदी तक ज्यादा दाम देने का फैसला किया है.
कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ी बढ़ोतरी की गई है. किसानों के लिए सरकार की तरफ से यह बड़ा ऐलान है. मक्का के समर्थन मूल्य में 53 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. तूअर और मूंग में 58 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. तोमर ने कहा कि 14 फसल ऐसी हैं, जिसमें किसानों को 50 से 83 फीसदी तक ज्यादा समर्थन मूल्य दिया जाएगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि ब्याज छूट योजना के तहत 31अगस्त तक जो किसान अपनी ऋण अदायगी करेगा, उसको 4% ब्याज पर ही कर्जा मिलेगा. अभी तक सरकार ने 360 लाख मिट्रिक टन गेहूं, 95 लाख मिट्रिक टन धान और 16.07 लाख मिट्रिक टन दाल खरीदा है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की कुल लागत का डेढ़ गुना ज्यादा रखने का वादा सरकार पूरा कर रही है. खरीफ फसल 20-21 के 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया गया है. इन 14 फसलों पर किसानों को लागत का 50-83% तक ज्यादा दाम हासिल होगा.
कमजोर उद्योगों को उभारने के लिए 4 हजार करोड़ का फंड
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में 6 करोड़ MSME हैं. MSME से देश में 11 करोड़ से ज्यादा नौकरी मिली है. 25 लाख MSME के पुर्नगठन की उम्मीद है. छोटे सेक्टर में टर्नओवर सीमा 50 करोड़ किया है. गडकरी ने कहा कि MSME अभी कठिन दौर से गुजर रहा है. 2 लाख MSME नए फंड से शुरू किए जाएंगे. कमजोर उद्योगों को उभारने के लिए 4 हजार करोड़ के फंड को मंजूरी मिली है.
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