बिहार चुनाव से पहले कंफ्यूजन में जीतन राम, महागठबंधन में जाएं या एनडीए?


हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों कंफ्यूजन में हैं. उन्हें कंफ्यूजन इस बात को लेकर है कि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान वह महागठबंधन का हिस्सा बने रहें या फिर पाला बदलकर एनडीए में शामिल हो जाएं? दरअसल, महागठबंधन की मुख्य पार्टी आरजेडी, जीतन राम मांझी को जरा भी भाव नहीं दे रही है. इस वजह से मांझी नाराज हैं. जीतन राम मांझी को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री उम्मीदवारी पर भी ऐतराज है.

मांझी ने पिछले कुछ दिनों में कई बार महागठबंधन की समन्वय समिति बनाने की भी मांग की है ताकि चुनाव में सीट शेयरिंग से लेकर मुख्यमंत्री उम्मीदवार तक के मुद्दों पर चर्चा हो सके.

हालांकि इस हफ्ते की शुरुआत में जीतन राम मांझी ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं, जिससे लग रहा है कि वह महागठबंधन छोड़कर जेडीयू में दोबारा शामिल हो सकते हैं. इस तरह की खबरें आने के बाद जेडीयू के कई नेताओं ने मांझी की पार्टी में वापसी के कयासों का स्वागत किया है.

हालांकि जीतन राम मांझी कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं करना चाहते हैं. मांझी ने दो दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से दिल्ली में मुलाकात की थी. इस दौरान भी उन्होंने महागठबंधन की समन्वय समिति बनाने का मुद्दा उठाया. मांझी की नाराजगी को देखते हुए अहमद पटेल की तरफ से आश्वासन दिया गया कि अगले सात दिनों में महागठबंधन की समन्वय समिति का गठन हो जाएगा.

अब माना जा रहा है सात दिनों के इस अल्टीमेटम के बाद ही मांझी अपने राजनीतिक भविष्य पर कोई फैसला लेंगे.

शुक्रवार को मांझी के पटना स्थित आवास पर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक हुई. बैठक में पार्टी नेताओं ने सभी तरह के फैसले लेने के लिए मांझी को अधिकृत कर दिया है.

मांझी ने कहा कि अभी वह महागठबंधन में बने हुए हैं और एनडीए में जाने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि वह आरजेडी को एक और मौका देना चाहते हैं. यानी कि मांझी चाहते हैं कि आरजेडी, उनकी महागठबंधन की समन्वय समिति बनाने की मांग पूरी करें.

वहीं सूत्रों की माने तो आरजेडी ने जीतन राम मांझी से बातचीत के सारे दरवाजे पूरी तरीके से बंद कर दिए हैं. दो दिन पहले ही तेजस्वी यादव ने कहा था कि मांझी को अगर महागठबंधन को लेकर कोई बातचीत करनी है तो वह आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से करें.

मांझी ने इसे गठबंधन के साथियों का अपमान बताया और शुक्रवार को हुई कोर कमेटी की बैठक में पलटवार करते हुए अपनी पार्टी के भभुआ जिले के एक प्रखंड अध्यक्ष को जगदानंद सिंह से बातचीत करने के लिए अधिकृत किया.

ADVERTISEMENT
Previous Post Next Post