गैर-पंजीकृत MSME और छोटे कारोबारी भी ले सकेंगे बिना गिरवी वाले कर्ज


गैर-पंजीकृत एमएसएमइ और छोटे कारोबारी भी बिना गिरवी वाले कर्ज लेने के हकदार होंगे। वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को कर्ज वितरण करने का निर्देश जारी कर दिया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अगले एक जून को बैंकों के साथ इस बात की समीक्षा की जाएगी कि किस बैंक के किस ब्रांच ने कितने कर्ज वितरित किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज के तहत एमएसएमइ को 3 लाख करोड़ रुपए के कर्ज बिना किसी गिरवी के मुहैया कराने की घोषणा की है। इस कर्ज की 100 फीसद गारंटी सरकार लेगी। यह प्रावधान 31 अक्टूबर तक है या फिर उससे पहले तीन लाख करोड़ की राशि खत्म होने तक।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जो एमएसएमइ पंजीकृत नहीं है, वे भी इस स्कीम के तहत कर्ज ले सकेंगे। पंजीकृत एमएसएमइ को उद्योग आधार नंबर जारी किया जाता है। वहीं छोटे खुदरा दुकानदार व व्यापारी भी इस कर्ज के हकदार होंगे। वर्तमान में तकरीबन पांच करोड़ छोटे रिटेलर्स और लगभग छह करोड़ एमएसएमई हैं। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक वैसे सभी कारोबारी व उद्यमी जिनका टर्नओवर अधिकतम 100 करोड़ तक है और जिनके ऊपर 29 फरवरी, 2020 तक 25 करोड़ तक का बकाया है, बिना गिरवी वाले कर्ज ले सकते हैं।

इस कर्ज के वितरण के लिए सरकार ने गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन स्कीम (जीइसीएल) की मंजूरी दी है जिसमें कहा गया है कि मुद्रा कर्ज ले चुके कर्जधारक भी पूर्ण रूप से बिना गिरवी वाले कर्ज के योग्य होंगे। मुद्रा स्कीम के तहत छोटे सैकड़ों खुदरा दुकानदारों ने भी कर्ज ले रखे हैं। इसलिए ये सभी खुदरा दुकानदर इस कर्ज को ले सकेंगे। बिना गिरवी वाले कर्ज की ब्याज दरों को लेकर स्थिति साफ नहीं है।

कैबिनेट के फैसले में कहा गया है कि बिना गिरवी वाले कर्ज के लिए बैंक 9.25 फीसद से अधिक ब्याज नहीं ले सकते हैं। हालांकि, यह भी उम्मीद की जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में जो लगातार कटौती की है, उसका फायदा बैंक एमएसएमइ को दे सकते हैं। बैंक के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कर्ज की दरें एमएसएमइ की रेटिंग पर भी निर्भर करती है। अभी आमतौर पर एमएसएमइ को 10.5 फीसद से लेकर 16 फीसद की दर से कर्ज मिलता है। नई स्कीम के तहत एनबीएफसी भी एमएसएमइ से 14 फीसद से अधिक ब्याज नहीं ले सकते हैं।


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