चक्रवात प्रभावित बंगाल में जनजीवन पटरी पर लाने में जुटे हैं 2.35 लाख पुलिसकर्मी, सेना जवान व सरकारी कर्मी, 80 फीसद काम पूरा


एम्फन चक्रवात से तबाह बंगाल में जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने व आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए राज्य के हजारों पुलिसकर्मी, निकाय कर्मी, सरकारी अधिकारियों व कर्मियों के साथ सेना व एनडीआरएफ के जवान दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

राज्य सरकार ने सोमवार को दावा किया कि आवश्यक सेवाओं के लिए करीब 2.35 लाख पुलिस कर्मियों और राज्य के अधिकारियों के साथ सेना व एनडीआरएफ के जवान काम कर रहे हैं और करीब 80 फीसद सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के उन कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों के साथ सेना व एनडीआरएफ जवानों का आभार व्यक्त किया, जो चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सेवाओं को बहाल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। ममता ने कहा, 'सिंचाई, कृषि, पीडब्ल्यूडी, पीएचई विभागों के कर्मचारी राज्य पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मिलकर बिजली व पानी की आपूर्ति बहाल करने, जरूरतमंदों को राहत प्रदान करने और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। मैं उन सभी का बंगाल में गंभीर आपदा के बाद आवश्यक सेवाओं में से 80 फीसद को बहाल करने के लिए बधाई देता हूं। अधिकांश शहरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सेवाएं बहाल हो गई हैं। बाकी जगहों पर भी जल्द ही सेवा बहाल हो जाएंगी।'

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सभी प्रमुख अस्पतालों, जल संयंत्रों, जल आपूर्ति इकाइयों, सिंचाई और जल निकासी पंपों, पावर सब स्टेशनों को चालू कर दिया गया है। ये कार्य सामान्य स्थिति बहाल होने तक जारी रहेंगा। इस लड़ाई में सभी का सहयोग जरूरी है।

चक्रवात से तबाही के बाद राहत कार्यों में जुटे अलग-अलग विभागों के कर्मियों की संख्या के बारे में भी जानकारी दी गई है। इसके अनुसार बिजली विभाग के 15,000 लोग, एनडीआरएफ की 30 टीमें (1200 लोग), सेना की 5 कॉलम, एसडीआरएफ / डीएमजी की 41 टीमें (800 लोग), दमकल विभाग की 35 टीमें (700 लोग), सिविल डिफेंस की 400 टीमें (3000 लोग), राज्य पुलिस के 1,25,000 जवान (होमगार्ड्स, एनवीएफएस, वीपीवी, सिविक वॉलिंटियर सहित), कोलकाता पुलिस के जवान, सिंचाई विभाग के 50 कार्यकारी अभियंता, 150 सहायक अभियंता, 300 कनिष्ठ अभियंता (4000 लोग), पीडब्ल्यूडी के 25 कार्यकारी इंजीनियर, 75 सहायक अभियंता, 150 जूनियर इंजीनियर (1500 लोग), पीएचई विभाग की 300 टीमें (4000 लोग), कृषि विभाग के 5000 लोग, जिला प्रशासन के 50,000 लोग एवं विविध और अन्य एजेंसियों के ​​25,000 लोग काम में जुटे हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर 2,35,200 कर्मी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के काम में लगातार जुटे हैं।

उल्लेखनीय है कि एम्फन चक्रवात से बंगाल के कई जिलों में भारी तबाही हुई है और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। इस चक्रवात से 86 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के बाद राज्य सरकार को 1,000 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द ही एक टीम यहां भेजेगा। 

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