प्रशांत किशोर ने PM मोदी के संबोधन पर कहा- या पूरी दुनिया मूर्ख है या हम बाकियों से ज्यादा होशियार हैं कि


चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कोरोनावायरस (Corornavirus) महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान कही गई बातों से जुड़े मुद्दे पर ट्वीट किया है. उनका कहना है कि कोविड-19 जैसे महामारी हमारे लिए फायदे में कैसे बदल सकती है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''या पूरी दुनिया मूर्ख है या हम बाकियों से ज्यादा होशियार हैं कि मान लें कि COVID (कोरोनावायरस) जैसी वैश्विक महामारी; जो दुनिया भर में लोगों की जिंदगी, अर्थव्यवस्था और सामग्री की प्रगति के लिए एक बड़े खतरे के रूप में सामने आई है, हमारे लिए फायदे में बदल सकती है और भारत को दुनिया के शीर्ष पर पहुंचा सकती है.''पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि हम पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है. हमें कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने-समझने का मौका मिला है. कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं. जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है. लेकिन इसका मार्ग क्या हो? विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- "आत्मनिर्भर भारत". हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है- एष: पंथा: यानि यही रास्ता है- आत्मनिर्भर भारत.

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है. मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात रखूंगा. जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं. ये हम इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया. आपदा को अवसर में बदलने की भारत की ये दृष्टि, आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है.

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