उत्तर प्रदेश में बसों की एंट्री को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता आगरा में राजस्थान की सीमा पर धरने पर बैठ गए हैं. वे प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान पुलिस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई. पुलिस ने हाइवे पर ट्रकों और अपने वाहनों को खड़ा कर रास्ता रोक दिया है. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है. कांग्रेस कार्यकर्ता यूपी सीमा में बसों की एंट्री की इजाजत मांग रहे हैं. वहीं, पुलिस उनसे बसों के परमिट और कागज मांग रही है.
इस बीच जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धरने पर से हटा दिया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. अजय कुमार लल्लू का कहना है कि बसों के लिए ऊपर से आदेश जारी हो गया है तो बॉर्डर पर बसें क्यों रोकी जा रहे हैं. बता दें कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बस चलाने को लेकर कांग्रेस और योगी सरकार आमने-सामने है. इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को पत्र लिखा था.
गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आगरा प्रशासन तीन घंटे से बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है. उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की अनुमति दी जाए. इधर, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमका रही है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार के आरटीओ हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमकी दे रहे हैं, जिन्होंने बसें उपलब्ध कराई हैं.
उत्तर प्रदेश में बसों की एंट्री को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता आगरा में राजस्थान की सीमा पर धरने पर बैठ गए हैं. वे प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान पुलिस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई. पुलिस ने हाइवे पर ट्रकों और अपने वाहनों को खड़ा कर रास्ता रोक दिया है. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है. कांग्रेस कार्यकर्ता यूपी सीमा में बसों की एंट्री की इजाजत मांग रहे हैं. वहीं, पुलिस उनसे बसों के परमिट और कागज मांग रही है.
इस बीच जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धरने पर से हटा दिया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. अजय कुमार लल्लू का कहना है कि बसों के लिए ऊपर से आदेश जारी हो गया है तो बॉर्डर पर बसें क्यों रोकी जा रहे हैं. बता दें कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बस चलाने को लेकर कांग्रेस और योगी सरकार आमने-सामने है. इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को पत्र लिखा था.
ये अभी आगरा के पास #UP बॉर्डर की स्थिति है, कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष @AjayLalluINC जी से किस तरह प्रशासन बर्ताव कर रहा है आप देख ख़ुद देख लें— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) May 19, 2020
सरकार ने अपने पत्र में कहा था कि बसें नोयडा और गाजियाबाद लाई जायें लेकिन पुलिस लाठी लेकर खडी है@priyankagandhi@INCUttarPradesh pic.twitter.com/Ffk1rvGKXM
गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आगरा प्रशासन तीन घंटे से बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है. उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की अनुमति दी जाए. इधर, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमका रही है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार के आरटीओ हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमकी दे रहे हैं, जिन्होंने बसें उपलब्ध कराई हैं.
क्या है पूरा मामला
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे-प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. पहले योगी सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया था, लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन ने प्रियंका के कार्यालय से 1000 बसों और चालकों के विवरण की मांग की थी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे-प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. पहले योगी सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया था, लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन ने प्रियंका के कार्यालय से 1000 बसों और चालकों के विवरण की मांग की थी.
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