जमात पर पूछा तो भड़कीं ममता बोलीं- ना करें सांप्रदायिक सवाल, ये है बंगाल


राजधानी दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज मामले के बाद देश में कोरोना वायरस के केस में अचानक उछाल आया. दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश समेत अन्य कई राज्यों में इससे जुड़े केस सामने आए हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल में जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तबलीगी जमात से जुड़े केस के बारे में पूछा गया तो वह नाराज़ हो गईं.

कोरोना वायरस के संकट के बीच बंगाल की ममता सरकार पर लगातार कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. बुधवार को जब ममता बनर्जी से तबलीगी जमात से जुड़े केस या उनसे जुड़े लोगों की मौजूदगी को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने पलटकर जवाब दिया कि उनसे सांप्रदायिक सवाल ना पूछें, ये बंगाल है और ये एक सेक्युलर राज्य है.

भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस मसले पर ममता सरकार पर सवाल उठाए हैं. अमित मालवीय ने लिखा कि जमात मामले के बाद देश में कोरोना केस की संख्या बढ़ी है, लेकिन बंगाल की स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं हुई है. क्या ममता सरकार को अपने वोट बैंक की चिंता है?

गलत जानकारी से बचें लोग: ममता

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना संकट को लेकर सरकार अपना काम करेगी और राजनीतिक दल अपना काम कर रहे हैं. शब-ए-बारात समेत अन्य त्योहारों को लेकर ममता ने अपील करते हुए कहा कि लोग अधिक से अधिक घर पर ही रहें. लोगों को गलत खबरों और जानकारी से बचने की जरूरत है.

लॉकडाउन की अवधि को लेकर ममता ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं इसके बारे में उन्हें नहीं पता है, लेकिन जब ढील दी जाएगी तो बड़ी संख्या में लोग इधर से उधर भागेंगे. ऐसे में सरकार पूरी तरह से तैयार है, जो भी लोग बाहर से आएंगे उन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा.

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