कोटा से छात्रों को निकालने पर नीतीश के मंत्री बोले- लॉकडाउन का होगा उल्लंघन


राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को उत्तर प्रदेश सरकार ने बसें भेजकर वापस बुला लिया है. लेकिन बिहार के छात्र अभी भी कोटा में फंसे हुए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर सफाई दे चुके हैं. वहीं बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने यूपी सरकार के कदम पर सवाल उठाया है.

बिहार के मंत्री नीरज कुमार ने राज्य सरकार का पक्ष रखा और यूपी सरकार के कदम पर सवाल उठाया. उन्होंने लॉकडाउन का हवाला देकर बिहार के छात्रों को कोटा से नहीं निकालने पर अपनी राय रखी. नीरज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि जो जहां है वह वहीं रहे. ऐसे में छात्रों को कोटा से निकालने पर लॉकडाउन का उल्लंघन होगा.

नीरज कुमार ने कहा कि आगरा के डीएम का बयान था कि एक बस में 25 बच्चे आएंगे. इस हिसाब से 75 मीटर की बस होनी चाहिए. ऐसी बस मैंने नहीं देखी. उत्तर प्रदेश सरकार बताए कि 75 मीटर की कौन सी बस होती है. हम लोग तो अपने जीवन में नहीं देख पाए हैं. एक बस में 25 बच्चों को लाना उनके भविष्य से खिलवाड़ है.

लॉकडाउन में बच्चों को होने वाली परेशानी के सवाल पर नीरज कुमार ने कहा कि पढ़ने वाले बच्चे देश के कई अन्य हिस्सों में भी रह रहे हैं. उन राज्यों से को-ऑर्डिनेट करके बच्चों के लिए इंतजाम किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोटा का मामला सामने आने पर बिहार सरकार ने केंद्र से बात की. कोटा के बच्चों की हालत जानकर हमें दुख हुआ.

कोटा से बच्चों को निकालने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर नीरज कुमार ने सवाल उठाया और कहा कि इससे सोशल डिस्टेंसिंग का कितना अनुपालन हो पाएगा? उन्होंने कहा कि भावना के साथ फैसले मत लीजिए, प्राण रक्षा का सवाल है. जीवन रक्षा का सवाल है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का एक मात्र रास्ता है तो उसका उल्लंघन क्यों किया जा रहा है?

जब पूछा गया कि उत्तर प्रदेश के साथ ही दक्षिणी राज्यों की सरकारें भी अपने छात्रों को निकाल रही हैं तो बिहार सरकार इसमें क्यों पीछे है? इस पर नीरज कुमार ने कहा कि लॉकडाउन में स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय में कोई फंसा व्यक्ति अपने गांव भी नहीं जा सकता है. बिहार के मजदूरों के पलायन पर मंत्री ने कहा कि ये दुखद है. हमने देश में कई राज्यों से बात की और मजदूरों के लिए इंतजाम करने का अनुरोध किया.

नीतीश कुमार के मंत्री ने कहा कि एक बस में 25 लोगों को लाना उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा. सवाल जीवन रक्षा का है. बच्चों को बिहार वापस लाने के प्लान पर उन्होंने कहा कि हम लोगों को इसकी चिंता है. हमें प्रवासी बिहारियों की चिंता है.

तेजस्वी यादव ने सीएम को लिखा पत्र

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोटा में फंसे छात्रों के लिए बसें भेजीं. वहीं इस संबंध बिहार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए जाने को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम खुला पत्र लिखा है.

इस पत्र में तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाए हैं, साथ ही प्रदेश के बाहर फंसे गरीब मजदूरों और छात्रों को बेसहारा छोड़ने का आरोप भी लगाया है. तेजस्वी यादव ने सवाल किया है कि बिहार सरकार आखिरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों है? प्रवासी मजबूर मजदूर और छात्रों से इतना बेरुखी भरा व्यवहार क्यों? उन्होंने कहा कि कई दिन से देशभर में फंसे बिहारी भाई और छात्र सरकार से लगातार घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार के कान तक जूं भी नहीं रेंग रही. आखिर उनके प्रति असंवेदनशीलता क्यों है?

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