जिस अधिकारी ने होमगार्ड को कराई उठक-बैठक, बिहार सरकार ने उसे दिया प्रमोशन


बिहार के अररिया में होमगार्ड के वायरल वीडियो मामले में बिहार सरकार ने जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार पर कार्रवाई करने के बजाए प्रमोशन दे दिया है. कुछ दिनों पहले अररिया में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को पुलिस विभाग में चौकीदार गणेश तत्मा को सजा के तौर पर उठक-बैठक करवाते देखा गया था.

चौकीदार की गलती बस इतनी थी कि लॉकडाउन के दौरान अपनी ड्यूटी करते वक्त उसने मनोज कुमार की गाड़ी को रोका था. इस बात पर कृषि पदाधिकारी इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने चौकीदार को जेल भेजने की धमकी दे डाली थी. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस विभाग ने मौके पर मौजूद एएसआई गोविंद सिंह को सस्पेंड कर दिया था क्योंकि उसने भी कृषि पदाधिकारी का ही साथ दिया था और चौकीदार से उठक-बैठक करवाई थी.

बिहार मानवाधिकार आयोग ने भी इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए अररिया के जिलाधिकारी और एसपी को नोटिस जारी करते हुए उनसे 6 मई तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. एएसआई गोविंद सिंह के सस्पेंड होने के बाद कृषि पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की मांग उठ रही थी मगर बिहार सरकार ने इसके उलट कृषि पदाधिकारी को प्रमोशन देते हुए उन्हें कृषि विभाग में ही उप निदेशक बना दिया है.

इस बाबत सरकार की तरफ से 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई कि अररिया के पदाधिकारी मनोज कुमार को पदस्थापित करते हुए उन्हें मुख्यालय बुला लिया गया है और उन्हें उपनिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है.कृषि मंत्री का बयान

इस मामले में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने फोन पर 'आजतक' से कहा, मनोज कुमार पर कार्रवाई जारी रहेगी. सरकार ने सबसे पहले उसके खिलाफ अररिया में एफआईआर दर्ज करवाई है. अररिया में जांच प्रभावित न हो, इसी वजह से उसे अब पदस्थापित करके मुख्यालय बुला लिया गया है. उसके खिलाफ विभागीय जांच होगी. दोषी पदाधिकारी को प्रमोशन देने के मामले पर सरकार का बचाव करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कानूनी पचड़े में सरकार की फजीहत न हो, इसी वजह से उसे अररिया से हटाकर पहले मुख्यालय में पदस्थापित किया गया है.

बता दें, वीडियो वायरल होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अररिया के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी. इसके साथ ही बिहार के डीजीपी ने घटना पर नाराजगी जताई और होमगार्ड जवान से बात कर उसके प्रति संवेदना जताई. इस मामले को लेकर बिहार डीजीपी ने कहा था कि अररिया से जो वीडियो सामने आया है, इसके बाद हमने स्थानीय एसपी से बात की है.

इस मामले की जांच की जा रही है, वह सिपाही नहीं है लेकिन चौकीदार है. लेकिन वो भी प्रशासन का अंग है. डीजीपी ने कहा कि जो हुआ है, वह काफी निंदनीय है. सरकार को इस बारे में सूचना दी गई है. इतना ही नहीं, बिहार डीजीपी ने इसको लेकर ग्रामीण पुलिस से खुद माफी मांगी, उन्होंने होमगार्ड के जवान से फोन पर बात की.

गौरतलब है कि मंगलवार को अररिया के बैरगाछी चौक के पास चौकीदार गणेश तात्मा ने कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोका था. गाड़ी रोककर उन्होंने लॉकडाउन के बारे में बताया, तो अधिकारी भड़क गए, अफसर ने धौंस जमाते हुए होमगार्ड पर माफी मांगने का दबाव बनाया. इसके बाद होमगार्ड का जमीन पर झुककर अधिकारी से माफी मांगते हुए वीडियो सामने आया, जिसने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया.

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