शाहीन बाग पर जनता कर्फ्यू का असर नहीं, पहले की तरह ही जारी है महिलाओं का धरना


कोरोना वायरस के चलते रविवार को पूरे देश में 'जनता कर्फ्यू' लागू किया गया है. वहीं दिल्ली के शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगभग तीन महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच इस बात को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है कि सड़क से हटें या नहीं? अब शाहीन बाग में दो गुट बन गये हैं, लेकिन इस सबके बीच धरना जारी है.

शाहीन बाग के एक गुट का कहना है कि वो कोरोना वायरस से लड़ने में पीएम मोदी की मुहिम का समर्थन करेंगे तो वहीं दूसरे गुट का कहना है कि कुछ भी हो जाए हम सड़क पर ही डटे रहेंगे.

शनिवार को इसी वजह से दोनों गुटों में लड़ाई-झगड़ा भी हुआ था. हालांकि बाद में दोनों गुटों को समझा-बुझाकर मामला शांत कर लिया गया. फिलहाल शाहीनबाग में प्रदर्शन जारी है.

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शनिवार को इंडिया इस्लामिक सेंटर में शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों के साथ मिलकर बैठक की थी. यहां पर दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए लोगों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी. इस बैठक में डीसीपी साउथ ईस्ट समेत दिल्ली पुलिस के कई सीनियर ऑफिसर भी मौजूद थे.

वहीं प्रदर्शनकारियों की तरफ से इंडिया इस्लामिक सेंटर के प्रेसिडेंट सिराजुद्दीन, सेक्रेटरी बदरुद्दीन और शाहीनबाग में प्रदर्शन करने वाले 7 प्रदर्शनकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया.

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि पूरे देश में कोरोना वायरस फैल रहा है , इसलिए वो प्रदर्शन बंद कर दें. कम से कम जनता कर्फ्यू वाले दिन प्रदर्शन नहीं करें. इंडिया इस्लामिक सेंटर के सदस्यों ने भी पुलिस का समर्थन किया.

जिसपर बैठक में मौजूद शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वो मौके पर जाएंगे और वहां मौजूद लोगों के सामने अपनी बात रखेंगे. उसके बाद ही शाहीनबाग प्रदर्शन को लेकर फैसला लेंगे. हालांकि अब तक शाहीनबाग की तरफ से दिल्ली पुलिस को कोई संदेश नहीं गया है.

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