सीएए, एनआरसी व एनपीआर काला जादू, बंगाल में गई 32 की जान: ममता


तृणमूल प्रमुख ने सवाल किया कि क्या वे मुझे देश से इसलिए बाहर निकाल देंगे, क्योंकि मैं मिट्टी के घर में जन्मी और अपने मां-बाप का जन्म प्रमाण-पत्र नहीं दे सकती? उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ आबादी में मेरे जैसे कई लोग हैं, जिनके पास अपने माता-पिता के जन्म का कोई प्रमाण नहीं है. 

तृणमूल प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को एक बार फिर सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी बहुल नदिया जिले के रानाघाट में और उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में दो अलग-अलग जनसभाओं में ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर काला जादू की तरह है. उन्होंने कहा कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि बंगाल में एनआरसी के डर से 32 लोगों की मौत हो गई है.

ममता ने कहा कि प्रजातंत्र में मताधिकार सबसे बड़ा नागरिकता का प्रमाण है, जिसके बूते पूर्ववर्ती व वर्तमान केंद्र सरकार सत्तासीन है लेकिन आज फिर से नागरिकता का प्रमाण पूछा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा मतुआ संप्रदाय को लेकर केवल झूठ बोल रही हैं, क्योंकि उन्हें पहले से ही नागरिकता मिली हुई है. सीएम ने केंद्र की मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को बेचने का भी आरोप लगाया।

भाजपा नेता बोल रहे हैं गुंडों की भाषा

ममता ने दावा किया कि भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत नहीं पाएगी, इसलिए अब बोली नहीं गोली का सहारा लिया जा रहा है और भाजपा नेता गोली की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उस देश का भविष्य बेहतर नहीं हो सकता, जिस देश के नेता यह कह रहे हों कि जब कोई बोली से नहीं मानेगा तो गोली से मानेगा. यूपी के सीएम गोली की भाषा बोल रहे हैं तो केंद्रीय मंत्री कह रहे हैं गद्दारों को गोली कर दो, ऐसे में मेरा सवाल यह है कि क्या भाजपा के खिलाफ बोलने वाले सभी लोग गद्दार हैं? क्या हमें भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी की भाषा सुननी चाहिए या फिर हमारे देश में जन्में मनीषियों की बात सुननी चाहिए.

जब तक मैं नहीं बोलूं, उन्हें कागज नहीं दिखाना

रानाघाट में ममता ने कहा कि एनपीआर को लेकर यदि कोई आपके पास आता है तो उन्हें कोई भी कागज नहीं दिखाना. अगर वे आधार कार्ड जमा करने या फिर परिवार की जानकारी मांगे तो नहीं देना, जब तक कि मैं नहीं कहूं. उन्होंने कहा कि मैं जो भी करती हूं बता कर करती हूं और आप सभी मेरी आवाज से वाकिफ हैं.


मां बाप का जन्म प्रमाण-पत्र नहीं तो क्या छोड़ना पड़ेगा देश

तृणमूल प्रमुख ने सवाल किया कि क्या वे मुझे देश से इसलिए बाहर निकाल देंगे, क्योंकि मैं मिट्टी के घर में जन्मी और अपने मां-बाप का जन्म प्रमाण-पत्र नहीं दे सकती? उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ आबादी में मेरे जैसे कई लोग हैं, जिनके पास अपने माता-पिता के जन्म का कोई प्रमाण नहीं है.

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