बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार की वापसी प्रशांत किशोर को फूटी आंख नहीं सुहाती है. इसलिए उन्होंने पहले तो नीतीश कुमार की दोस्ती लालू प्रसाद यादव से कराने की कोशिश की लेकिन जब दाल नहीं गली तो नागरिकता कानून का बहाना बनाकर नीतीश कुमार पर निशाना साधने लगे हैं.
सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो लालटेन पार्टी के लिए काम करने लगे हैं इसलिए उन्हे आरजेडी राज के भ्रष्टाचार नहीं दिखते हैं और ना ही उन्हें एनडीए सरकार के कामकाज दिखाई देते हैं. सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में 2005 से बिजली की खपत पांच गुणा बढ़ गई है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन बेनामी संपत्ति और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर टूटा था तब बीजेपी ने गरीब बिहार को मध्यावधि चुनाव के बोझ से बचाने के लिए बिना शर्त जेडीयू का समर्थन किया था. क्योंकि तत्कालीन महागठबंधन सरकार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप का बिंदुवार जवाब नहीं दे पाए थे. बता दें जुलाई 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अलग हुए थे.
इससे पहले प्रशांत किशोर ने मंगलवार को पटना में प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान कहा था कि महागठबंधन टूटने के बाद भी वो लालू प्रसाद यादव से मिलते रहे थे. नतीजा यह हुआ कि एनडीए की सरकार बनने के कुछ महीनों बाद ही ये अटकलें लगने लगीं कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव में फिर से दोस्ती हो सकती है लेकिन तेजस्वी यादव के इनकार की वजह से ऐसा नहीं हो पाया.