वैसे तो टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन उम्मीद के मुताबिक अब भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या कम है. यही वजह है कि बार-बार पीएम नरेंद्र मोदी भी टैक्स पेयर्स की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. हालांकि, बीते बुधवार को एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनकम टैक्स को लेकर एक ऐसा आंकड़ा दिया, जिसकी विपक्ष आलोचना कर रहा है.
सबसे पहले जानिए PM मोदी ने क्या कहा?
दरअसल, पीएम मोदी ने टैक्स चुकाने वाले लोगों की संख्या बहुत कम होने का हवाला देते हुए कहा था कि 3 करोड़ से ज्यादा भारतीय बिजनेस के काम से विदेश गए हैं. लेकिन स्थिति यह है कि 130 करोड़ लोगों के देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं. पीएम मोदी ने कार्यक्रम में यह भी बताया कि हर साल 50 लाख से ज्यादा आय घोषित करने वालों की संख्या सिर्फ 3 लाख है. वहीं हर साल सिर्फ 2200 लोग ऐसे हैं जो अपनी सालान इनकम एक करोड़ से ज्यादा बताते हैं.
आंकड़ों पर विपक्ष को हुई दिक्कत
इनकम टैक्स के इस आंकड़े पर विपक्ष ने पीएम मोदी को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्ष का आरोप है कि पीएम मोदी टैक्सपेयर्स की संख्या को कम बता रहे हैं. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पीएम मोदी के मुताबिक प्रत्येक भारतीय चोर है, जबकि उनकी पार्टी (भाजपा) ने इलेक्ट्रोरल बांड के जरिये गुपचुप तरीके से करोड़ों रुपये जुटा लिये हैं.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा, ‘‘अगर कोई भी व्यक्ति टैक्स अदा नहीं कर रहा है तो खुद मोदी पिछले छह साल से क्या कर रहे हैं? क्या उन्होंने नोटबंदी करते समय यह दावा नहीं किया था कि इससे कालेधन और कर चोरी पर रोक लगेगी?’’
CBDT ने बताई सही तस्वीर
इस बवाल के बीच, CBDT की ओर से इनकम टैक्सपेयर्स के सही आंकड़े पेश किए गए हैं. सीबीडीटी ने बताया गया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 5.78 करोड़ लोगों ने साल 2018-19 की आय का खुलासा किया है. इनमें से 1.03 करोड़ लोगों ने 2.5 लाख रुपये से कम की कमाई बताई है और 3.29 करोड़ लोगों ने 2.5-5 लाख तक की टैक्स योग्य आय का खुलासा किया है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक ट्वीट में बताया गया है कि इस वित्त वर्ष के दौरान दाखिल किए गए 5.78 करोड़ रिटर्न में से 4.32 करोड़ लोगों ने 5 लाख रुपये तक की आय का खुलासा किया है. ये वो लोग हैं जिन्हें वित्त अधिनियम, 2019 के तहत 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है. जाहिर सी बात है कि 4.32 करोड़ टैक्सपेयर्स को चालू वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद के सालों के लिए टैक्स का भुगतान करने को उत्तरदायी नहीं होगा. ऐसे में सिर्फ 1.46 करोड़ व्यक्तिगत करदाता टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं.
Certain misinformation is being circulated in Social Media pertaining to individual return filers.— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) February 13, 2020
CBDT clarifies:
During the current financial year, 5.78 crore individuals filed returns disclosing income of financial year 2018-19..1/6
इसके अलावा, लगभग 1 करोड़ लोगों ने 5-10 लाख रुपये के बीच की इनकम का खुलासा किया है. वहीं सिर्फ 46 लाख टैक्सपेयर्स ने 10 लाख रुपये से अधिक की आय की जानकारी दी है. इसी तरह, 3.16 लाख टैक्सपेयर्स ने 50 लाख रुपये से अधिक की आय का खुलासा किया है. जबकि देश भर में 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय की जानकारी देने वाले टैक्सपेयर्स में सिर्फ 8,600 लोग हैं.