मोदी सरकार की नई मुसीबत, खुदरा के बाद थोक महंगाई में भी हुआ इजाफा


महंगाई के मोर्चे पर सरकार को एक और झटका लगा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में थोक महंगाई दर दिसंबर के 2.59 फीसदी से बढ़कर 3.1 फीसदी पर पहुंच गई है. अगर एक साल पहले की बात करें तो जनवरी 2019 में थोक महंगाई 2.76 फीसदी पर रही थी. हालांकि, जनवरी में थोक खाद्य महंगाई दर कम रही लेकिन मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई आंकड़ों में तेजी आई है.यहां बता दें कि बीते साल के आखिरी तीन महीने-दिसंबर, नवंबर और अक्‍टूबर में थोक महंगाई बढ़ी है.

क्‍या कहते हैं आंकड़े

आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी दिसंबर के 2.32 प्रतिशत से लगभग तीन गुना बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई.  खाद्य वस्तुओं में सब्जियों की कीमतें 52.72 प्रतिशत बढ़ीं, जिसमें सबसे अधिक योगदान प्याज का रहा.  इस दौरान प्याज की कीमतों में 293 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई, जबकि इसके बाद आलू की कीमतों में 37.34 प्रतिशत इजाफा हुआ.

छह साल के शीर्ष पर खुदरा महंगाई

इससे पहले बुधवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे. ये आंकड़े बताते हैं कि खुदरा महंगाई 6 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर है. सब्जियों, अंडों, गोश्त, मछली जैसे खाद्य पदार्थो और ईंधन के दाम ऊंचे रहने के कारण खुदरा महंगाई दर जनवरी में बढ़कर 7.59 फीसदी हो गई, जोकि तकरीबन छह साल का ऊंचा स्तर है.  खुदरा महंगाई दर इससे पहले दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी दर्ज की गई थी, जबकि पिछले साल जनवरी 2019 में खुदरा महंगाई दर 1.97 फीसदी दर्ज की गई थी.औद्योगिक उत्पादन में गिरावट

इससे पहले बुधवार को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी किए गए थे. देश के मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में सुस्‍ती रहने के कारण दिसंबर 2019 दौरान औद्योगिक उत्पादन में 0.3 फीसदी की गिरावट आई. इससे पहले नवंबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन में 1.82 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी जबकि एक साल पहले दिसंबर 2018 में देश के औद्योगिक उत्पादन में 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में दिसंबर 2018 के दौरान 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.

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