केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने की सरकार की नीति के तहत अन्य देशों के साथ आपराधिक विषयों में परस्पर विधिक सहायता और न्याय प्रदान करने में तेजी लाने के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत ने आपराधिक विषयों में सहयोग के लिए 42 देशों के साथ परस्पर विधिक सहायता संधि (एलएलएटी) पर हस्ताक्षर किए हैं और गृह मंत्रालय इसके लिए निर्दिष्ट केंद्रीय प्राधिकार है.
अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने की सरकार की नीति को आगे बढ़ाते हुए और न्याय प्रदान करने में तेजी लाने के लिए गृह मंत्रालय ने आपराधिक विषयों में अंतरराष्ट्रीय परस्पर विधिक सहायता की प्रक्रिया आगे बढ़ाने और कारगर बनाने के लिए कदम उठाए हैं. संशोधित दिशानिर्देश जांच एजेंसियों को अनुरोध पत्रों या परस्पर विधिक सहायता अनुरोधों और समन अनुरोधों, नोटिसों तथा अन्य न्यायिक दस्तावेजों का मसौदा तैयार करने और उन्हें आगे बढ़ाने पर कदम दर कदम दिशानिर्देश मुहैया करेंगे.
बयान में कहा गया है कि हाल के बरसों में हुए विभिन्न कानूनी एवं प्रौद्योगिकीय विकास को शामिल कर इसका लक्ष्य इस सिलसिले में दस्तावेजीकरण को कहीं अधिक संक्षिप्त, केंद्रित और अंतरराष्ट्रीय जरूरतों के अनुकूल बनाना है. विदेशों में रह रहे लोगों के दस्तावेजों के तेजी से और समय पर प्राप्त होने के लिए विभिन्न अदालतों द्वारा जताई गई चिंताओं को भी ध्यान में रखा गया है.