कौन हैं JNU में हिंसा करने वाले नकाबपोश? दिल्ली पुलिस ने शुरू की जांच


जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा की जांच शुरू हो गई है. दिल्ली पुलिस सोमवार सुबह सीसीटीवी फुटेज ले गई. इस मामले की जांच ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शालिनी सिंह करेंगी. दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें तीन शिकायतें मिली हैं. पहली शिकायत एबीवीपी की ओर से है, दूसरी शिकायत वामपंथी संगठनों की ओर से और तीसरी शिकायत जेएनयू प्रशासन की ओर से मिली है. पुलिस का कहना है कि हम जल्द ही मामले में मुकदमा दर्ज करेंगे.

झड़प के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन के आग्रह पर परिसर में पुलिस को तैनात कर दिया गया है. हिंसक झड़प में कई छात्र-छात्राएं घायल हो गए. संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) देवेंद्र आर्य ने कहा, विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमसे आग्रह किया, इसके बाद पुलिस टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश किया."

आर्य ने कहा कि पुलिस टीम ने परिसर में फ्लैग मार्च किया. पुलिस परिसर के अंदर के हालात देखकर अपना काम करेगी. जेएनयू परिसर में रविवार की शाम कुछ नाकाबपोश लोग घुस गए. वे हाथ में डंडे और लोहे की रॉड लिए हुए थे. उन्होंने छात्र-छात्राओं और प्रध्यापकों की अंधाधुंध पिटाई कर दी.

पिटाई से जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दो पदाधिकारी घायल हो गए. आइशी की आंख पर लोहे की रॉड से हमला किया गया. लहूलुहान आइशी को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. घायल छात्रों ने आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर हिंसा करने का आरोप लगाया है. हमले में जेएनयू छात्रसंघ के महासचिव सतीश चंद्र भी घायल हुए हैं.

नकाबपोश बदमाशों के हाथों छात्रों की पिटाई के घंटों बाद जब जेएनयू कैंपस में दिल्ली पुलिस के कदम पड़े तो उनका स्वागत इन नारों से हुआ. दिल्ली पुलिस हाय-हाय-दिल्ली पुलिस वापस जाओ. छात्रों की ये नाराजगी दिल्ली पुलिस की देरी से विश्वविद्यालय में दाखिल होने पर थी. उनका आरोप है कि पुलिस कैंपस की गेट पर खड़ी रही लेकिन अंदर हालात पर काबू पाने की कोशिश नहीं हुई.

ये हालत तबतक बनी रही जबतक जेएनयू प्रशासन ने पुलिस से लिखित अनुरोध कर परिसर में कानून व्यवस्था बहाल करने की गुजारिश ना कर दी. करीब साढ़े 6 बजे जेएनयू प्रशासन ने लिखित अनुरोध किया तब जाकर पुलिस कैंपस में दाखिल हुई.

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