बंगाल में हिंसा की कोई जगह नहीं है. सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट नहीं होने देंगे. इस मिट्टी पर किसी प्रकार का हमला नहीं होने देंगे. यह कहना है राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का. मुख्यमंत्री शिवमंदिर के अठारोखाई मैदान में उत्तरबंग उत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहीं थीं. इसी मंच से उत्तर बंगाल के नौ शिक्षाविदों को बंगरत्न से सम्मानित किया.
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों से उपेक्षित उत्तर बंगाल को जब से तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई है, उसके बाद से इसे सजाने और संवारने में जुटी हुई है. केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली मुख्यमंत्री मुख्ममंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बाद एनपीआर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने विपक्ष शासित सभी राज्यों से सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की अपील की है. साथ ही, एलान किया है कि वो 22 जनवरी को सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ दार्जिलिंग एक रैली निकालने जा रही हैं.
ममता बनर्जी ने एनपीआर की कवायद को 'खतरनाक खेल' करार देते हुए कहा कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं, बल्कि एनआरसी के क्रियान्वयन का पूर्व स्वरूप है. पता चला है कि माता-पिता के एनपीआर फॉर्म में जन्मस्थान से जुड़ा कॉलम भरना अनिवार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि यह अनिवार्य नहीं है तो फिर इस कॉलम को फॉर्म में क्यों रखा गया है?
उल्लेखनीय है कि इस साल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह दूसरा उत्तर बंगाल दौरा है. हाल ही में मुख्यमंत्री ने सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ सिलीगुड़ी में पदयात्रा निकाली थी.