West Bengal: राज्यपाल को कुलाधिपति के पद से 'निष्कासित' करेंगे जेयू के छात्र संगठन



राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ मोर्चा खोल रखे जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के छात्र संगठनों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर उन्हें कुलाधिपति के पद से 'निष्कासित करने का फैसला किया है. जेयू की आटर््स फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (अफसू) और फैकल्टी ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स यूनियन (फेटसू) ने राज्यपाल को इस बाबत खुला पत्र लिखकर उन्हें कुलाधिपति के पद से 'निष्कासित' किए जाने की जानकारी दी है. साथ ही उन्हें 'मेरुदंड विहीन' भी कहा है. अफसू की नेत्री उशाषी पाल ने कहा-'हम राज्यपाल को सांकेतिक तौर पर जेयू जैसे प्रमुख शिक्षा संस्थान के कुलाधिपति के पद से निष्कासित करेंगे. जेयू ने हमेशा उदारवादी सोच और समग्रता को प्रोत्साहित किया है.'

खुले पत्र में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल की मौजूदगी में बदमाशों ने गत 19 सितंबर को जेयू परिसर में बमबाजी और तोड़फोड़ की और महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. यह भी कहा गया कि राज्यपाल को 22 दिसंबर को जेयू में आमंत्रित नहीं किया गया था वे बिन बुलाए पहुंचे थे. वे छात्र-छात्राओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए शर्मनाक काम कर रहे हैं और इस तरह से अपना मूल्यवान समय नष्ट कर रहे हैं. पत्र में आगे कहा गया कि राज्यपाल से एनआरसी, सीएए और एनपीआर से संबंधित कई सवाल किए गए, जिनपर उनका जवाब असंतोषजनक रहा है. राज्यपाल का सामान्य ज्ञान भी संतोषजनक नहीं है. उनका इतिहास का ज्ञान शून्य है और समग्र चरित्र मेरुदंड विहीन है.

गौरतलब है कि एएफएसयू राष्ट्रीय नागरिकता कानून (सीएए) समेत विभिन्न मसलों पर राज्यपाल के रूख से नाराज है. वहीं दूसरी तरफ बंगाल सरकार भी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल के अधिकारों में कटौती कर चुकी है. नए नियमों के मुताबिक अब कुलाधिपति विवि के दैनिक क्रियाकलापों में हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे और न ही विवि के पदाधिकारियों को प्रत्यक्ष रूप से परामर्श दे सकेंगे. कुलाधिपति और विवि प्रबंधन के बीच वार्ता अब राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से हो सकेगी.

गौरतलब है कि एएफएसयू की ओर से 24 दिसंबर को राजभवन में ईमेल कर राज्यपाल को जेयू के दीक्षा समारोह में नहीं आने को कहा गया था. ईमेल में लिखा था-'आपका काम करने का तरीका निष्पक्ष संवैधानिक प्रमुख की तरह नहीं है. आपका व्यवहार भी छात्र-छात्राओं के अभिभावक की तरह नहीं है इसलिए जेयू परिसर में आपका स्वागत नहीं किया जाएगा.'

राज्यपाल गत सोमवार को जब विवि की बैठक में भाग लेने गए थे तो उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे. मंगलवार को उन्हें दीक्षा समारोह में शामिल होने से भी रोक दिया गया था. राज्यपाल ने इसे कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह ध्वस्त हो जाना करार दिया था. एएफएसयू के इस कड़े रूख पर जेयू के कुलपति सुरंजन दास ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की है.

गौरतलब है कि कुछ समय पहले जेयू में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय वन व पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो का वहां के छात्र-छात्राओं ने घेराव किया था. उस वक्त राज्यपाल वहां पहुंचकर बाबुल को छात्र-छात्राओं से मुक्त कराकर अपने साथ ले गए थे. उसी वक्त से जेयू के छात्र-छात्राओं के साथ उनकी टकराहट शुरू हुई थी. 

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