गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आनंद कुमार पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, कोर्ट में भी उपस्थित होना है


गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा और न्यायमूर्ति एएम बुजरबरुआ की पीठ ने को आनंद को कोर्ट में हाजिर होने को कहा था. अदालत आइआइटी गुवाहाटी के चार छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

आनंद कुमार के वकील ने अदालत को बताया कि लंदन में होने के कारण वह हाजिर होने में असमर्थ हैं. कोर्ट को बताया गया कि वे कैंब्रिज विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने गए हैं. इधर, विद्यार्थियों के अधिवक्ता अमित गोयल ने बताया कि अदालत ने आनंद के वकील से पूछा कि कोर्ट में हाजिर होना जरूरी है या लंदन जाना? हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल से आए छात्रों और अभिभावकों को 10-10 हजार रुपये हर्जाना के तौर पर देने का आदेश दिया और आनंद को गुरुवार को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया. 

यल ने बताया कि आइआइटी गुवाहाटी के चार छात्रों ने 21 सितंबर, 2018 को गुवाहाटी हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार असम सहित देश के विभिन्न राज्यों के गरीब छात्रों को निश्शुल्क आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के नाम पर रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स में नामांकन लेते हैं. उनसे 33 हजार रुपये बतौर शुल्क लिया जाता है. वर्ष 2018 में सुपर-30 के 26 विद्यार्थी जेईई एडवांस में सफल घोषित किए गए. लेकिन, इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए. 

अभयानंद व आनंद, दोनों को भेजा गया था नोटिस

पीआइएल में सुपर-30 में छात्रों के चयन और पारदर्शिता का अभाव बताया गया. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुपर-30 को प्रारंभ करने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद और आनंद कुमार दोनों को अब तक के सफल छात्रों की जानकारी देने के लिए नोटिस जारी किया था. पूर्व डीजीपी के अधिवक्ता केएन चौधरी ने बताया कि अभयानंद 2007 तक सुपर-30 से जुड़े थे. उन्होंने पूर्व में ही हलफनामा दायर कर दिया है. 

साजिश के तहत परेशान किया जा रहा : आनंद    

सुपर -30 के संचालक आनंद कुमार ने कहा कि हम न्यायालय का काफी सम्मान करते हैं। कोर्ट में उपस्थित होकर साजिश की जानकारी देंगे. उन्हें साजिश के तहत परेशान किया जा रहा है. लेकिन, इसमें शामिल लोग कभी सफल नहीं होंगे. पीआइएल दायर करने वाले सुपर-30 के विद्यार्थी नहीं रहे हैं. 
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