भ्रष्टाचारियों पर राजनाथ हुए सख्त, कहा- शिकायतों के डर से फैसले लेने से नहीं हटेंगे पीछे


रक्षा उद्योग में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागेदारी को आमंत्रित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार की शिकायतों के डर से वह फैसले लेने से पीछे नहीं हटेंगे.

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल सिक्योरिटी एक्सपो में राजनाथ ने कहा कि निजी रक्षा क्षेत्र की उद्यमशीलता का पूरा इस्तेमाल करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. भारतीय रक्षा क्षेत्र को 2025 तक 26 अरब डॉलर तक पहुंचाने की योजना के तहत सरकार उसके साथ बातचीत करने और उसकी समस्याएं सुलझाने के लिए तैयार है. इसके लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं.

आयातित हथियारों पर नहीं रह सकते निर्भर

उन्होंने निजी कंपनियों से आग्रह किया कि वे आगे बढ़ें और जहां संभव होगा वह पूरी मदद करेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत लंबे समय तक आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रह सकता क्योंकि यह देश की सुपरपावर बनने की योजना से मेल नहीं खाता.

राजनाथ ने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री बने थे तो लोगों ने कहा था कि वहां बहुत सारे कारोबार से संबंधित प्रस्ताव और आयात-निर्यात से जुड़े कई मामले हैं लिहाजा मंत्री को इस सबके प्रति बेहद सतर्क रहना चाहिए नहीं तो अंगुली उठ जाएगी.

उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम

उन्होंने कहा कि जो मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों से डरता है उसे फैसले लेने से बचना चाहिए. राजनाथ सिंह इन सबकी परवाह नहीं करता. इस देश में लोग और बड़े औद्योगिक संगठन जानते हैं कि कौन क्या है. वह इन सब से बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं और औद्योगिक लाइसेंसिंग को उदार बनाया है.

उन्होंने कहा, 'सरकार दोस्त, सलाहकार और मार्गदर्शक की तरह आपके साथ खुली चर्चा के लिए तैयार है. अगर आपको कोई समस्या है तो हम उसे सुलझाने के लिए भी तैयार हैं.' रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार और उद्योगों के बीच संवाद के लिए ऐसे आयोजनों और एक्सपो से बढि़या और कुछ नहीं हो सकता.
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