केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बीते दिनों नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी को लेफ्ट (वामपंथ) की ओर झुकाव वाला बताया था. पीयूष गोयल के इस बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रतिक्रिया आई है. प्रियंका वाड्रा ने ऑटो इंडस्ट्री में सुस्ती से जुड़ी आजतक की खबर को ट्वीट करते हुए बीजेपी नेताओं को कहा कि इकोनॉमी ढह रही है और आपका काम उसको सुधारना है न कि कॉमेडी सर्कस चलाना.
भाजपा नेताओं को जो काम मिला है उसको करने की बजाय दूसरों की उपलब्धियों को झुठलाने में लगे हैं। नोबेल पाने वाले ने अपना काम ईमानदारी से किया, नोबेल जीता।— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 19, 2019
अर्थव्यवस्था ढही जा रही है। आपका काम उसको सुधारना है न कि कॉमेडी सर्कस चलाना।https://t.co/DfZXAMmaxg
क्या कहा था पीयूष गोयल ने?
दरअसल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अर्थशास्त्र के लिए 2019 के नोबेल पुरस्कार के लिए चुने गए भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी को लेफ्ट (वामपंथ) की ओर झुकाव वाला बताया. गोयल ने कहा, ‘‘मैं अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार जीतने की बधाई देता हूं. आप सभी जानते हैं कि उनकी सोच पूरी तरह लेफ्ट की ओर झुकाव वाली है.’’
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि अभिजीत बनर्जी ने कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित ‘न्याय’ योजना का समर्थन किया और भारत की जनता ने उनकी सोच को नकार दिया. बता दें कि अभिजीत बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगा रही है और इस समय उपलब्ध आंकड़े बहुत जल्द देश की अर्थव्यवस्था के उबरने का आश्वासन नहीं देते.
बता दें कि 2019 का इकोनॉमिक्स का नोबेल भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को दिया गया है. इससे पहले 1998 में अमर्त्य सेन को इकोनॉमिक्स का नोबेल दिया गया था. अभिजीत, एस्थर और माइकल को वैश्विक गरीबी कम करने की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.
कौन हैं अभिजीत बनर्जी?
अभिजीत बनर्जी अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं. कोलकाता में जन्में बनर्जी की स्कूलिंग कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल में की. फिर ग्रेजुएशन कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में की. इसके बाद 1983 में इकोनॉमिक्स से एमए जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सटी से किया. बाद में 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. बनर्जी उन इकोनॉमिस्ट में हैं जो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की खुलकर आलोचना करते हैं.