सुप्रीम कोर्ट ने चांद सितारे वाले हरे झंडे के खिलाफ याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब


सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में धार्मिक स्थलों और भवनों पर चांद सितारे वाला हरा झंडा फहराने पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। अपनी याचिका में रिजवी ने दावा किया है कि चांद और सितारे वाला हरा झंडा गैर-इस्लामिक हैं और यह पाकिस्तानी राजनीतिक पार्टी का प्रतीक है। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने पिछले साल अप्रैल में शीर्ष कोर्ट में यह याचिका दायर की थी।

रिजवी ने बताया, 'मैं सुप्रीम कोर्ट से चांद सितारे वाले हरे झंडे पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग कर रहा हूं। इसका कारण यह है कि यह झंडा पाकिस्तान और मुस्लिम लीग के झंडे जैसा है।'

रिजवी ने कहा है कि चांद सितारे वाला यह झंडा पूर्व की एक राजनीतिक पार्टी आल इंडिया मुस्लिम लीग का है। नवाज वकार अल-मलिक और मुहम्मद अली जिन्ना ने 1906 में ढाका में इस पार्टी की स्थापना की थी। वर्तमान में भारतीय मुसलमान इसे इस्लामिक ध्वज की तरह इस्तेमाल करते हैं।

कैसा है पाकिस्तानी झंडा

1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान द्वारा अपनाया गया राष्ट्र ध्वज भी हरे रंग का है। इसपर आधा चांद और इसके केंद्र में सितारा है। जिधर से यह झंडा फहराया जाता है उधर सीधी सफेद पट्टी है। यह आल इंडिया मुस्लिम लीग के झंडे पर आधारित है।
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