राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं: सुब्रमण्यम स्वामी


भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर रामेश्वरम स्थित राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अयोध्या में जल्द राम मंदिर निर्माण करने की मांग पीएम मोदी से की है. स्वामी लंबे समय से राम मंदिर निर्माण की मांग करते रहे हैं. मोदी सरकार को दूसरा कार्यकाल मिलने के बाद उन्होंने अपनी मांग दोहराई है. 

'सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी नहीं' सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा कि पीएम को लिखी एक चिट्ठी में मैंने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की दरकरार है. उनको यह गलत कानूनी सलाह मिली है. पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उस जमीन का राष्ट्रीयकरण कर दिया था और अनुच्छेद 300Aके तहत सुप्रीम कोर्ट कोई सवाल नहीं उठा सकता है, सिर्फ मुआवजा तय कर सकता है. इसलिए, अभी से निर्माण शुरू करने में सरकार के सामने कोई बाधा नहीं है.

सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी को चार पेज की चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने रामसेतु को प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल तथा अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत राष्ट्रीय पौराणिक स्मारक की मान्यता देने की भी मांग की है. स्वामी ने इस मामले पर मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया है. इस फैसले में कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि आखिर रामसेतु को राष्ट्रीय पौराणिक स्मारक क्यों घोषित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने इस पर लिखा कि जहां तक मेरी जानकारी है कि संस्कृति मंत्रालय से राम सेतु राष्ट्रीय धरोहर की मान्यता देने की स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन पता नहीं किस कारण से मंत्रिमंडल से स्वीकृति नहीं दी गई है.

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