इस्लामिक कट्टरपंथ के दबाव में हावड़ा के स्कूल के प्रधानाध्यापक ने दिया इस्तीफा

उकसावे में आकर यहां पढ़ने वाले बच्चे कश्मीर की तरह कर रहे थे हंगामा


कोलकाता: आखिरकार हावड़ा के उलूबेड़िया स्थित तेहट्ट हाई स्कूल के प्रधान अध्यापक उत्पल भौमिक ने अपने पद से इस्तिफा दे दिया। उक्त जानकारी रविवार को मिलने के बाद से उत्पल भौमिक से तमाम कोशिश के बाद भी सम्पर्क नहीं हो सका । वैसे खबर के लिखे जाने तक उक्त स्कूल को लेकर उठे विवाद के कारण वहां रैफ के जवान तैनात किये गये थें व इलाके में तनातनी की स्थिति बरकरार थी।
दरअसल मोहम्मद जयंती के दिन से उक्त स्कूल में बवाल चल रहा था. इस्लामिक कट्टरपंथियों ने स्कूल में ही नबी जयंती मनाने के लिए दबाव बनाया था लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इसके लिए मना कर दिया था. इसके बाद प्रधानाध्यापक उत्पल भौमिक पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था. आरोप है कि उक्त विवाद के बाद लगातार स्कूल में किसी न किसी बात को लेकर कट्टरपंथी विवाद खड़ कर रहे थे. ताजा मामला तब सामने आया जब कट्टरपंथियों ने स्कूल में सरस्वती पूजा नहीं करने देने की घोषणा की. आरोप है कि उसके बाद लगातार उत्पल को परेशान किया जा रहा था. स्कूल में सरस्वती पूजा करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी जा रही थी. उसके बाद उत्पल लगातार दबाव में थे जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
माना जा रहा है कि भौमिक को कट्टरवादी लोगों के दबाव के काऱण ही अपने पद से हाथ धोना पड़ा है। बता दें कि उक्त स्कूल में मांग की जा रही  है कि अगर यहां सरस्वती पूजा का आयोजन होता है तो नबी दिवस भी मनाने देना हेगा। लेकिन उक्त मांग को लेकर 13 जनवरी से इलाके में तनातनी का दौर शुरु हो गया था और फिर तनाव फैल गया था. वैसे खबर है कि दबाव के कारण भौमिक ने शुक्रवार को ही अपना इस्तिफा पत्र सौंपा था।  प्रधान अध्यापक का कहना था कि नये मांग के तहत स्कूल में पठन-पाठन पर असर पड़ रहा था । कश्मीर की तरह ही कट्टरपंथियों के उकसावे के कारण यहां पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों का एक समूह लगातार हंगामा करता था जिससे स्कूल प्रबंधन काफी दबाव में था.  ज्ञात हो कि उक्त स्थिति के कारण व्यवस्था को उलूबेड़िया ही नहीं बरन आसपास के इलाकों में भी धारा144 लागू करना पड़ा। लेकिन इसके बाद एक वर्ग के लोगों ने स्कूल में घुस कर एक इस्लामिक झंडा लगा दिया है।
इस बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये भाजपा नेता उमेश राय ने कहा कि हावड़ा ही नहीं बल्कि पूरे पश्‍चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार ने वोटबैंक  के लोभ में एक विशेष वर्ग को पूरी तरह से छूट दी है कि वे जो चाहे करें उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी.
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