अतिवृष्टि यानी बहुत ज्यादा बारिश कई बार अपने साथ बाढ़ जैसी तबाही और जलजनित बीमारियां लेकर आती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन (ग्लोबल वॉर्मिग) के कारण बीते 50 साल में दुनियाभर में अतिवृष्टि के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है.
वाटर रिसोर्सेज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, वर्ष 1964 से लेकर 2013 तक अत्यधिक बारिश की सर्वाधिक घटनाएं हुई और यह वही समय था जब ग्लोबल वार्मिग भी तेज हो गई थी.
अध्ययन के मुताबिक, अत्यधिक वर्षा की घटनाएं कनाडा के कुछ हिस्सों, यूरोप, अमेरिका के मध्य-पश्चिम और पूवरेत्तर क्षेत्र, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी रूस और चीन के कुछ हिस्सों में बढ़ी हैं. कनाडा में सास्काचेवान यूनिवर्सिटी में हाइड्रो-क्लाइमेटोलॉजिस्ट साइमन पापालेइसीउ ने कहा ‘इस अध्ययन के लिए वैश्विक स्तर पर सैकड़ों बारिश के रिकॉर्ड खंगाले गए, जिसमें हमने पाया कि बीते 50 साल के दौरान जब ग्लोबल वॉर्मिग में तेजी आनी शुरू हुई तो अतिवृष्टि के मामले भी आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी देखी गई. यह बदलती प्रवृत्ति जलवायु परिवर्तन के खतरों के प्रति आगाह करती है.