कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चल रहे मतादाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान निर्वाचन आयोग की ताजा प्रवृत्तियों में सामने आया है कि करीब 50 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए जाने योग्य पाए गए हैं। यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हुई थी और डिजिटाइजेशन के साथ रोज़ाना नए आंकड़े सामने आ रहे हैं।
मंगलवार शाम तक यह संख्या 46 लाख से थोड़ी अधिक थी, लेकिन बुधवार रात तक यह बढ़कर लगभग 50 लाख हो गई। मतलब मात्र 24 घंटे में करीब चार लाख नए नाम हटाने योग्य सूची में जोड़ दिए गए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, अब तक मिले 50 लाख हटाने योग्य नामों में से 23 लाख से ज्यादा लोगों के नाम ‘मृत मतदाता’ श्रेणी में आते हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर ‘स्थानांतरित’ मतदाता हैं, जिनकी संख्या 18 लाख से अधिक है। इसके अलावा 7 लाख से ज्यादा मतदाता ‘लापता’ श्रेणी में दर्ज किए गए हैं, जबकि शेष नाम ‘दोहराव’ या अन्य कारणों से हटाने योग्य पाए गए हैं।
इन सभी नामों की अंतिम स्थिति 16 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी होने के बाद स्पष्ट होगी। मसौदा प्रकाशन के बाद नोटिस चरण शुरू होगा, जिसमें नोटिस जारी करना, सुनवाई, जांच और दावों–आपत्तियों का निपटारा 16 दिसंबर से 17 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद मतदाता सूची के विभिन्न मानकों की जांच और अंतिम प्रकाशन के लिए आयोग की अनुमति 10 फरवरी को ली जाएगी।
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 14 फरवरी, 2026 को किया जाएगा, जबकि पहले यह 7 फरवरी की तिथि तय थी। 27 अक्टूबर, 2025 तक पश्चिम बंगाल में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 66 लाख 37 हजार 529 दर्ज की गई है।

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