नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लालकिला बम विस्फोट मामले के आरोपित और आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के सहयोगी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हिरासत के दौरान अपने वकील से मिलने की इजाजत दे दी है। एडिशनल सेशंस जज प्रशांत शर्मा ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने दानिश को हिरासत के दौरान एक दिन छोड़कर अपने वकील से मुलाकात करने की अनुमति दे दी। इसके पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने दानिश की याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट से सुनवाई कर फैसला लेने को कहा था। एनआईए ने दानिश को 17 नवंबर को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने 18 नवंबर को दानिश को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा था। एनआईए ने दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था।
एनआईए के मुताबिक दानिश ने ड्रोन में तकनीकी बदलाव किए और कार बम विस्फोट से पहले रॉकेट तैयार करने की कोशिश की। एनआईए के मुताबिक दानिश ने उमर उन नबी के साथ मिलकर पूरी साजिश को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। एनआईए के मुताबिक राजनीति विज्ञान में स्नातक दानिश को आत्मघाती हमलावर बनाने के लिए उमर ने ब्रेनवाश किया। वह अक्टूबर, 2024 में कुलगाम की एक मस्जिद में डॉक्टर मॉड्यूल से मिलने को तैयार हुआ, जहां से उसे हरियाणा के फरीदाबाद में अल फलाह विश्वविद्यालय में रहने के लिए ले जाया गया।
दानिश को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया था और पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि मॉड्यूल के अन्य लोग उसे प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के लिए ओवर-ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) बनाना चाहते थे, जबकि उमर कई महीनों से उसका ब्रेनवॉश कर आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार कर रहा था।
एनआईए के मुताबिक उमर की यह कोशिश इस साल अप्रैल में उस समय नाकाम हो गई जब दानिश ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को गलत मानने का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया था। बता दें कि लालकिला के पास 10 नवंबर को आई10 कार में विस्फोट हुआ था। ये कार आमिर रशीद अली के नाम पर थी। इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हुई थी और 32 लोग घायल हो गए थे।

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