कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के बीच बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) के खिलाफ राज्यभर से लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बीएलओ की कार्यप्रणाली पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
निर्वाचन आयोग की तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम — उप निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश भारती, उप सचिव अभिनव अग्रवाल और प्रमुख सचिव एस.बी. जोशी — उत्तर बंगाल के कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों में एसआईआर की प्रगति की समीक्षा कर रही है। गुरुवार को अलीपुरद्वार में जिला निर्वाचन अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक में डीईओ और एईआरओ को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि बीएलओ की हर गतिविधि पर सख्त नजर रखी जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल की ओर से गुरुवार रात जारी बयान में कहा गया कि बीएलओ को घर-घर जाकर किए जा रहे सत्यापन कार्य के दौरान पहचान पत्र पहनना और ईसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तय समयसीमा में कार्य पूरा करना अनिवार्य होगा। साथ ही ईआरओ व एईआरओ को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी वास्तविक मतदाता सूची से बाहर न हो और मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित या डुप्लीकेट जैसे अपात्र नाम सूची में शामिल न हों।
सूत्रों के अनुसार, कई जिलों से बीएलओ पर मनमानी, गलत जानकारी दर्ज करने और पात्र मतदाताओं को नजरअंदाज करने की शिकायतें मिली हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को आयोग की टीम कूचबिहार जिले के अधिकारियों के साथ इसी तरह की समीक्षा बैठक करेगी।

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