अगले पांच साल देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण : सीतारमण


नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अगले पांच साल देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि हमारी यह आकांक्षा है कि 2047 तक हम विकसित भारत बन जाएं, जिसके लिए हमारे नागरिकों को और अधिक सशक्त होना होगा. उन्हें अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर आर्थिक माहौल बनाने के अवसर मिलने चाहिए.

वित मंत्री सीतारमण ने 165वें आयकर दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था लागू होने के दो वर्षों के भीतर 72 फीसदी करदाता पुरानी कर व्यवस्था की जगह नयी कर व्यवस्था को अपना चुके हैं. इससे पता चलता है कि इसे एक बहुत ही सुविचारित प्रणाली के रूप में स्वीकार किया गया है, जिसमें दरें सरल हैं तथा छूट और अनुपालन का कोई मुद्दा नहीं है.

निर्मला सीतारमण ने अपने संबोधन में आयकर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बहुमुखी प्रतिभा की सराहना की. उन्हाेंने अब तक का सबसे अधिक कर संग्रह हासिल करने, फेसलेस मूल्यांकन और अपील व्यवस्था की सफलता की सराहना भी की. उन्होंने आयकर विभाग को निष्पक्ष और मैत्रीपूर्ण होने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया.

वित्त मंत्री आगे कहा कि करदाताओं के अनुभव में सुधार हो. कर नोटिस संयमित, सरल और करदाताओं के लिए समझने में आसान होने चाहिए. उन्होंने अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए शक्ति के विवेकपूर्ण उपयोग को रेखांकित किया, न कि करदाताओं में भय पैदा करने को. उन्हाेंने स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए रिफंड के त्वरित निर्गमन और उचित प्रक्रिया का पालन करने पर भी जोर दिया. इसके साथ ही कर आधार को व्यापक बनाने के लिए कराधान को आसान, सरल और तर्कसंगत बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप परिवर्तन को भी रेखांकित किया.

वित्त मंत्री ने कर प्रशासन में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के मामले में विशेष रूप से क्षमता निर्माण पर जोर दिया. उन्होंने कल्याण और विकास में उनके योगदान के लिए ईमानदार करदाताओं के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया. निर्मला सीतारमण ने इस तथ्य की सराहना करते हुए कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 58.57 लाख पहली बार आईटीआर दाखिल करने वाले लोग थे. यह दर्शाता है कि भारत एक अर्थव्यवस्था के रूप में अधिक औपचारिक हो रहा है और अधिक लोग स्वेच्छा से करों का भुगतान करने के लिए आगे आ रहे हैं. वित्त मंत्री ने विभाग के प्रति करदाताओं के बीच बढ़ते विश्वास की सराहना की.

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