कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर फिर बोले- हर हिंदू दम्पत्ति पैदा करे पांच संतान


प्रसिद्ध कथावाचक भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने पूर्व की तरह एक बार फिर हिन्दुओं को पांच-पांच बच्चे पैदा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू तभी तक की सुरक्षित हैं, जब तक बहुसंख्यक हैं। यही वजह है कि मैंने पहले भी कहा था और आज फिर कह रहा हूं कि देश की हर हिंदू दंपत्ति को पांच-पांच बच्चे पैदा करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड का भी गठन किया जाना चाहिए।

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर गुरुवार को जबलपुर में 17 से 23 मई तक आयोजित होने जा रही श्रीमद्भागवत कथा के संदर्भ में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से हिंदुओं की आबादी अन्य धर्म की तुलना में सात फीसदी घटी है। देश में अगर सनातन धर्म को बचाना है तो बहुसंख्यक समुदाय की संख्या को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हर हिंदू दंपत्ति को कम से कम पांच बच्चे पैदा करना चाहिए।

कथावाचक ठाकुर ने कहा कि परिवार नियोजन सिर्फ हमारे ऊपर ही क्यों लागू होती है। हम लोग हम दो-हमारे दो में संतोष करें और वे लोग चार-चार बच्चे पैदा करे। कायदे से यदि हिंदुओं को एक पत्नी रखने का अधिकार है तो सभी को इसी दायरे में लाना चाहिए। एक देश-एक संविधान का नियम सब पर लागू हो। एक बात याद रखना, यह देश जब तब भारत में हिंदू है तब तक ही हम सुरक्षित है, तब तक ही भाईचारा है, जब तक कि हम बहुसंख्यक हैं, जिस दिन हम बहुसंख्यक नहीं रहे, उस दिन क्या होगा ये समझ लें।

कथावाचक ठाकुर ने कहा कि हिंदुओं की दशा अगर देखना हो तो पाकिस्तान, बांग्लादेश में जाकर देख सकते है कि उनका क्या हाल है। अपनी अगल-बगल में ये सब हो रहा है, और तब भी हम आंखों में पट्टी बांधकर बैठे रहें तो उसे बृद्धिमता नहीं बल्कि मूर्खता कही जाएगी। जो सनातन हित की बात करेगा, हम उनके साथ रहेंगे और उन्हें वोट देगें। हमारी किसी पार्टी के प्रति वचनबद्धता नहीं है।

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जो हमें मिटाने की बात करे, जो ये कहे कि भगवान राम काल्पनिक है, जो ये कहे कि सनातन कोरोना है, जो ये कहे कि हमारा सनातन एड्स है, हम उनको अगर वोट दें तो हमारी पूजा- आराधना बेकार है, रामायण- गीता सब बेकार है। हम किसी पार्टी को बढ़ावा नहीं देते हैं। हम अपने राम, संस्कार को बढ़ावा देते है। जैसे हमारे मुस्लिम भाइयों की मक्का अस्मिता है, वैसे ही मथुरा, काशी, अयोध्या सनातनियों की अस्मिता है और तीन जगह पर समझौता बिल्कुल नही होगा।

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