काठमांडू: नेपाल में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक नेपाली कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है. टेलीकॉम विभाग में भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए गठित आयोग ने इन दो पूर्व संचार मंत्रियों को बयान के लिए तीसरी बार पत्र भेजा है. पहले दो बार पत्र भेजने के बाद भी बयान के लिए हाजिर नहीं होने पर दोनों को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी गई है.
नेपाल सरकार के संचार मंत्रालय अन्तर्गत टेलीकॉम विभाग में एक प्रविधि की खरीद में व्यापक आर्थिक अनियमितता होने की ‘अख्तियार दुरुपयोग अनुसंधान आयोग’ जांच कर रहा है. तत्कालीन सरकार में ज्ञानेन्द्र कार्की और मोहन बस्नेत संचार मंत्री रह चुके हैं. मोहन बस्नेत वर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं. दोनों नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इन्हें बयान के लिए बुलाया गया है.
जांच एजेन्सी के आयुक्त जय बहादुर चन्द ने कहा कि बार-बार पत्र भेज कर बयान देने के लिए बुलाए जाने पर भी दोनों नेता हाजिर नहीं हुए हैं. आयुक्त चन्द ने बताया कि यदि इस बार भी बयान देने के लिए हाजिर नहीं हुए तो कानूनी प्रावधान के तहत दोनों की गिरफ्तारी का वारंट जारी करने की बाध्यता होगी. चन्द ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जांच में सहयोग करते हुए इस बार दोनों ही नेता अपना बयान देने जरूर हाजिर होंगे.
दरअसल, टेलीकॉम विभाग के लिए ‘टेलिकम्युनिकेसन ट्राफिक मॉनिटरिंग एंड फ्रॉड कन्ट्रोल सिस्टम’ (टेरामैक्स) की खरीद में 70 करोड़ रुपये की अनियमितता होने का दावा किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रविधि की आवश्यकता नहीं होने की बात कहते हुए इसकी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, लेकिन तब तक राजकोष से 70 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे. इस प्रकरण में दोनों तत्कालीन संचार मंत्रियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है. इस टेरामैक्स की खरीद के लिए 70 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति इन्हीं दोनों मंत्रियों ने दी थी.
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