न्यू अलीपुर का गौरव है सेवा भारती - बोरो चेयरमैन
युवाशक्ति न्यूज
कोलकाता: न्यू अलीपुर की लोकप्रिय सामाजिक संस्था "सेवा भारती" द्वारा आहूत मेगा नेत्र परीक्षण शिविर का शानदार आगाज हुआ. जितनी सूझ-बूझ और परियोजना के मुताबिक इस शिविर की परिकल्पना की गई थी उससे ज्यादा लोग इसमें शामिल हुए और बिना किसी अप्रिय घटना के पूरा समय शिविर सहजता से संचालित हुआ.
कोलकाता नगर निगम के बोरो दस की चेयरपर्सन जूई विश्वास ने इस मौके पर कहा कि सेवा भारती न्यू अलीपुर का गर्व है. इस संस्था ने निरंतर इलाके के गरीब और जरूरतमंद लोगों की भरसक मदद की है. महंगा ईलाज भी यहां नि:शुल्क किया जाता है. इलाके के गरीबों का यह विश्वस्त प्रतिष्ठान है.
ट्रस्टी बोर्ड के रमेश माहेश्वरी ने कहा कि उनका लक्ष्य चार हजार मरीजों को परीक्षण के माध्यम से चिन्हित करना और उनकी आंखों की रौशनी लौटाना है. बड़ों की तरह विभिन्न विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों में भी आंख की जटिल समस्या होने लगी है इसीलिए विद्यालयों से संपर्क करके बच्चों की आंखों का स्थायी ईलाज भी उनकी पर प्राथमिकता में है. इस साल तीन हजार बच्चों के परीक्षण का लक्ष्य रखा गया है.
ट्रस्टी इंद्र चंद गुप्ता ने कहा कि सेवा कार्य इसी तरह बिना किसी व्यवधान के चलता रहे यही सबका सपना है.
शिविर के संयोजक कुंजबिहारी सिंघानिया ने कहा कि सेवा परम धर्म है और हर मनुष्य को अपने हिसाब से सेवा कार्य करनी चाहिए. यही सरकार की भी सदिच्छा है. सह-संयोजक चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सेवा भारती की स्थापना के साथ अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का मामला जुड़ा हुआ है. सौभाग्य से उधर श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी है जबकि सेवा भारती अपने रजत वर्ष की दहलीज पर है. दूसरे सह-संयोजक शिव कुमार हमीरवासिया ने कहा कि सेवा भारती के माध्यम से सेवा करने का जो अवसर मिलता है वह अनमोल है.
विद्युत सिंह ने कहा कि सेवा भारती ने धीरे-धीरे अपनी सेवाओं का विस्तार किया गया. आज न्यू अलीपुर और संलग्न अंचल के लिए इस संस्था का कोई विकल्प नहीं है. यही इसकी सफलता है.
आयोजन को अनुशासित तरीके से संचालित करने में सभी ट्रस्टी एवं सदस्यों मसलन रतन लाल पारख, दिलीप चौधरी, विकास माधोगढ़िया, रामानंद रूस्तगी, शंकर लाल खेमका, गिरधारी लाल चुघ, बसंत कुमार पारख आदि की मेहनत रंग ला रही थी. एक टीम वर्क में काम करने की उदात्तता के कारण सारी व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थी. हर पहलू का ख्याल रखा गया था.
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