राजस्थान के साथ ही देश के पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा होने के बाद प्रचार जोरों पर है. इस बीच सूबे में बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट बनाने की मांग उनके समर्थन कर रहे हैं. ऐसे समय में वसुंधरा ने राजनीति छोड़ने के संकेत दिए हैं.
झालावाड़ में एक चुनाव प्रचार में उनके बेटे दुष्यंत सिंह ने संबोधन किया. उससे वसुंधरा इतनी गदगद हुईं कि अपने संबोधन के समय उन्होंने महत्वपूर्ण संकेत दे दिए. राजे ने कहा, 'मेरे बेटे की बात सुनने के बाद मुझे लगता है कि अब रिटायरमेंट ले लेना चाहिए. आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह प्रशिक्षित किया है कि मुझे उसे आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है. सभी विधायक यहां हैं और मुझे लगता है कि उन पर नजर रखने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि वे अपने दम पर लोगों के लिए काम करेंगे.'
वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से सांसद हैं. पांच बार सांसद और चार बार विधायक रहीं वसुंधरा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने को लेकर लगातार मांग हो रही है. हालांकि बीजेपी ने ऐसा किया नहीं है जिसके बाद उनकी भूमिका को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. वसुंधरा ने एक दिन पहले क्षेत्र में तीन दशकों में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा पेश करने के बाद कहा, अपने बेटे को बोलते हुए सुनकर अब मुझे लग रहा है कि मैं रिटायरमेंट ले सकती हूं. उन्हें उनके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.
इसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुए, प्रश्न पत्र लीक हुए. राजस्थान को फिर से अगर देश का नंबर वन राज्य बनाना है तो बीजेपी को सत्ता में लाना होगा. बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान है और 3 दिसंबर को काउंटिंग होगी.
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