दिल्ली पब्लिक स्कूल, रूबी पार्क का 17वां वार्षिकोत्सव रेवरेंस संपन्‍न


'द वंडरफुल विज़र्ड ऑफ ओज़' नाटक के मंचन ने सबका मन मोहा

युवाशक्ति न्‍यूज 
कोलकाता: शैक्षिक जगत में डीपीएस एक जाना पहचाना नाम है. 9 अक्टूबर की शाम दिल्ली पब्लिक स्कूल, रूबी पार्क, कोलकाता द्वारा 17वां वार्षिकोत्सव रेवरेंस' का आयोजन साइंस सीटी ऑडिटोरियम में किया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन बहुत धूमधाम और उत्साह से हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में यूएस काउंसिल जनरल सुश्री मेलिंडा पावेक और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात नृत्यांगना सुश्री अलोकानंदा रे उपस्थित थीं. 

कार्यक्रम की शुरुआत वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह से किया गया, जिसमें शानदार शैक्षणिक प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया. कक्षा 2 से 9 और 11 तक के छात्र-छात्राओं को कुल 459 पुरस्कार दिये गये. यह उनकी प्रतिभा का प्रमाण है. रेवरेंस 2023 उत्कृष्टता की इस भावना को बढ़ावा देने और बनाए रखने के लिए स्कूल की अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान करने का एक प्रयास था. 


शाम का मुख्य आकर्षण वार्षिक नाटक 'द वंडरफुल विज़र्ड ऑफ ओज़' एक आधुनिक परी कथा का संगीतात्मक मंचन था. संस्‍था के चेयरमैन और प्रेडिडेंट एस. एस. अग्रवाल ने युवाशक्ति से कहा कि बच्‍चों ने जिस तरह परफार्म किया, उससे मैं चकित हूं और मुझे यह देखकर काफी खुशी हुई. इसे व्‍यक्‍त करने के लिए मेरे पास शब्‍द नहीं हैं. उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों ने कक्षा खत्‍म होने के बाद रिहर्सल किया और इतना अच्‍छा परफार्मेंस किया. 

ओमदयाल एडुकेशन रिसर्च सोसाइटी के सचिव और डीपीएस, रूबी पार्क से जुड़े आलोक टिबड़ेवाल ने युवाशक्ति को बताया कि कोविड के बाद पहला मौका है, जब बच्‍चों में इतना उत्‍साह देखने को मिला. नाटक के बारे में उन्‍होंने कहा कि यह 19वीं सदी का नाटक है और इसकी नैतिक सीख आज भी प्रासंगिक है. हमारी भारत की संस्‍कृति बताती है कि हम अपने अंदर की शक्ति को पहचानें, हमें अपनी ताकत को पहचानना है और जीवन में आगे बढ़ना है. करेज, लव और डिवोशन यानी साहस, प्‍यार और समर्पण के बूते हम अपने जीवन को संवार सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि हमारा इंग्लिस मीडियम स्‍कूल है, पर हम भारतीय संस्‍कृति की सीख देते हैं. हम दूसरे स्‍कूलों पर टिप्‍पणी नहीं करते, बल्कि हमारा लक्ष्‍य ही है कि बच्‍चा अंग्रेजी मीडियम में पढ़े, मगर उसमें भारतीय संस्‍कृति की तमाम विशेषताएं विकसित हों. 

350 से अधिक छात्रों के समूह ने नाटक के अभिनेता, गायक, नर्तक, पार्श्व स्वर और यहाँ तक कि मंचन सामग्री के प्रबंधन हेतु समर्थन देकर विभिन्न क्षमताओं में योगदान देने के लिए अपने ठोस प्रयास किए. दर्शकों को एक शानदार प्रदर्शन देखने को मिला और वे एक महान रचना के जादू और संगीत में डूब गए. कार्यक्रम का समापन स्कूल की हेड गर्ल' द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. ओमदयाल ग्रुप ऑफ एडुकेशन की गवर्निंग बॉडी के सदस्‍य सागर अग्रवाल ने कहा कि बच्‍चों का प्रदर्शन काफी अच्‍छा रहा. हमारा प्रयास है कि बच्‍चे हर क्षेत्र में सफलता हासिल करें.

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