आज से कुड़मी समाज का रेल रोको आंदोलन शुरू, तीन ट्रेनें रद्द, कई ट्रेनों के परिचालन पर असर


Rail Roko Aandolan: कुड़मी जाति को आदिवासी यानी अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर आज से इन लोगों का रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया है.  महतो जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के साथ-साथ इनकी मांग है कुड़माली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया जाए. आज से झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अनिश्चित कालीन रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया गया है. वैसे आंदोलन की शुरुआत से पहले रेलवे सतर्क है. अब तक तीन ट्रेन के परिचानल को रद्द किया गया है.

जो ट्रेन रहेगी रद्द

1. ट्रेन संख्या 15027 हटिया - गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन यात्रा प्रारंभ दिनांक 20/09/ 2023 को रद्द रहेगी .
2. ट्रेन संख्या 13403 रांची - भागलपुर एक्सप्रेस ट्रेन यात्रा प्रारंभ दिनांक 20/09 /2023 को रद्द रहेगी .
3. ट्रेन संख्या 15661 रांची - कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन यात्रा प्रारंभ दिनांक 20/09/2023 को रद्द रहेगी .

दिखने लगा है आंदोलन का असर

कई जिलों में इसका असर दिखने लगा है. सरायकेला-खरसावां के नीमडीह स्टेशन के पास भारी संख्या में कुड़मी समाज के लोग जुटने लगे हैं. आंदोलन धीरे-धीरे तेज हो रहा है. पश्चिमी सिंहभूम के सोनुआ थाना के पास पुलिस से कुछ लोगों के झड़प की भी खबर है. सोनुआ से भी सैकड़ों महिला-पुरुष छोटे बड़े वाहनों में सवार होकर घाघरा की तरफ बढ़ रहे हैं. प्रशासन इस आंदोलन को लेकर सतर्क है.

इन रास्तों पर होगा असर

झारखंड : मनोहरपुर, नीमडीह, गोमो और मुरी
पश्चिम बंगाल : कुस्तौर और खेमाशुली
ओडिशा : बारीपदा और रायरंगपुर स्टेशन

गोमो स्टेशन पर आंदोलन से धनबाद से होकर चलने वाली करीब 60 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो सकता है. इनमें हावड़ा और सियालदह राजधानी के साथ कोलकाता, सियालदह, आसनसोल व अन्य स्टेशन से खुलने वाली ट्रेनें शामिल हैं.

क्यों हो रहा यह आंदोलन

तीन राज्यों में कुड़मीर समाज के लोगों का यह तीसरी दफा होने जा रहा आंदोलन है. उनकी मांग केंद्र सरकार से है कि उन्‍हें आदिवासी होने का दर्जा दे. फिलहाल ये लोग ओबीसी वर्ग के दायरे में आते हैं. संगठनों की मानें तो यह समुदाय झारखंड का है, लेकिन यहीं के लोग यह स्वीकार नहीं करते. बंगाल और ओडिशा में भी इनके वर्ग की बड़ी आबादी है. ऐसे में उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए. एक अनुमान के मुताबिक झारखंड में कुड़मी समाज के लोगों की आबादी 22 प्रतिशत है.

Post a Comment

Previous Post Next Post