रांची: लंपी वायरस (Lumpy Virus) से फैलने वाली पशुओं की खतरनाक बीमारी अब झारखंड (Jharkhand) में कहर बरपा रही है. राज्य के चतरा, गढ़वा, पलामू, लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, गुमला, रामगढ़, हजारीबाग में पिछले एक हफ्ते में बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हुई हैं. विभिन्न जिलों से मिली सूचनाओं के मुताबिक, लगभग 1000 से ज्यादा मवेशियों की जान चली गई है.
पशुपालन विभाग ने चतरा, गोड्डा, साहिबगंज, गुमला, लोहरदगा आदि जिलों में बीमार पशुओं में इससे मिलते-जुलते लक्षण पाये गये हैं. इसके बाद सभी जिलों में पशुओं के लिए टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन शिकायत मिल रही है कि पर्याप्त संख्या में टीकों की उपलब्धता नहीं है. इस वायरस के खतरे को देखते हुए विभाग के उच्चाधिकारियों ने सभी जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं नोडल पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं.
पदाधिकारियों को कहा गया है कि इस तरह की बीमारी से संक्रमित पशु अगर उनके जिले में पाए जाएं, तो नमूने को कोल्ड चेन में रख कर शीघ्र संस्थान को भेजें. बीमारी पर रोक-थाम के अभियान के मद्देनजर पशुपालन अधिकारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है. उन्हें निर्देश दिया गया कि अति आवश्यक परिस्थिति में ही अवकाश के लिए आवेदन दें.
पशुपालकों का कहना है कि इस बीमारी के लक्षण उभरने के एक से डेढ़ हफ्ते के भीतर पशुओं की मौत हो जा रही है. जिलों में लंपी वायरस और इसके चलते मवेशियों में आ रही बीमारियों की रोकथाम से बचाव के लिए पशुपालकों को जागरूक करने का अभियान भी विभाग ने शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
क्या है लंपी बीमारी के लक्षण
लंपी एक विषाणु जनित संक्रामक बीमारी है. यह ज्यादातर गोवंश को संक्रमित करता है. यह रोग मुख्य रूप से संक्रमित मक्खियों, मच्छरों एवं चमोकन के काटने से होता है. बीमार पशु के नाक, मुख के स्राव एवं घावों से बीमार दुधारू गाय, भैंस के थन में घाव हो जाने के कारण दूध पीने वाले बाछा-बछियों में यह बीमारी फैल जाती है.
बता दें कि साल 2022 में लंपी वायरस की वजह से लाखों मवेशियों की मौत हो गई थी. हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इस खतरनाक वायरस के लाखों मामले सामने आए थे.
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