भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से भेजा गया चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान, चांद की सतह पर अपना काम पूरा कर अब चैन की नींद सो गया है. मतलब रोवर प्रज्ञान को स्लीप मोड में डाल दिया गया है. जिस समय प्रज्ञान चंद्रमा पर उतरा था उस समय वहां दिन था, अब वहां रात शुरू होने वाली है. दूसरी ओर अब बारी सूर्ययान के गदर उड़ाने की है.
देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ ने रविवार को पृथ्वी की कक्षा से संबंधित पहली प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार कर गया है. अब पांच सितंबर को देर रात सूर्ययान की एक बार फिर से कक्षा बदली जाएगी. सूर्ययान को लेकर इसरो ने रविवार को कहा कि आदित्य एल1 ने सफलता पूर्वक कक्षा बदल ली है और सैटेलाइट एकदम ठीक तरह से और सामान्य ढंग से काम कर रहा है.
इसरो ने कहा कि सूर्ययान की कक्षा बदलने की प्रक्रिया को बेंगलुरु स्थित इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क से अंजाम दिया गया. फिलहाल सूर्ययान की नई कक्षा 245 किलोमीटर x 22459 किलोमीटर है. आदित्य एल1 को शनिवार को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था.
आदित्य एल1 कुल 16 दिन तक पृथ्वी की कक्षा का चक्कर लगाएगा. इस दौरान कुल पांच बार इसके ऑर्बिट यानी कक्षा को बदला जाएगा. रविवार को पहली बार इसके कक्षा को बदला गया है. पांच सितंबर को दूसरी बार इसके कक्षा को बदला जाएगा. इसरो की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सूर्ययान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर रहकर सूर्य का अध्ययन करेगा.
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