Fodder Scam: चारा घोटाले में 36 दोषियों को 4 साल की जेल, दो पर एक-एक करोड़ का जुर्माना


झारखंड: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले (Fodder Scam Case) में आज का दिन बेहद खास रहा. इस दिन रांची (Ranchi) की विशेष सीबीआई कोर्ट (Special CBI Court) के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव नेने दोषी करार सभी 36 अभियुक्तों को 4-4 साल की जेल की सजा सुनाई है. साथ ही सभी दोषियों पर जुर्माना भी लगाया गया है. सजा पाने वालों में 90 वर्षीय पूर्व जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर गौरी शंकर प्रसाद भी शामिल हैं.

इन पर आया फैसला

नित्यानंद कुमार सिंह, डॉ जुनुल भेंगराज, डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद, डॉ राधा रमण सहाय, डॉ गौरी शंकर प्रसाद, डॉ रवींद्र कुमार सिंह, डॉ फणीन्द्र कुमार त्रिपाठी, महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, रामनंदन सिंह, बिजेश्वरी प्रसाद सिन्हा,अजय कुमार सिन्हा, राजन मेहता, रवि नंदन कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, अनिल कुमार, त्रिपाठी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, सुरेश दुबे, मो सईद, मो तौहिद, संजय कुमार, रामा शंकर सिंह, उमेश दुबे, अरुण कुमार वर्मा, अजीत कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, श्याम नंदन सिन्हा, मोहिन्दर सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, मदन मोहन पाठक, प्रदीप वशिष्ठ.

डॉ. कृष्ण मुरारी प्रसाद और डॉ. गौरी शंकर प्रसाद को कोर्ट ने 4 साल की सजा के साथ-साथ 1 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है. इसके अलावा कई दोषियों को 3 लाख का जुर्माना लगाया गया है.

चारा घोटाला के 27 साल पुराने और अंतिम मामले (कांड संख्या आरसी 48 ए/96) के 36 अभियुक्तों की सजा पर आने वाला फैसला खास है. डोरंडा कोषागार से 36. 59 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा यह मामला लंबे समय से चल रहा था.

28 अगस्त इस मामले में सुनवाई हुई थी. 124 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. उनमें से 35 आरोपियों को रिहा कर दिया गया था, जबकि 53 अभियुक्तों को दो से तीन साल की सजा सुनायी गयी थी. निचली अदालत ने उन्हें बेल दे दिया है. इस मामले को लेकर अब वह हाईकोर्ट का रुख करेंगे. सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक रविशंकर ने पैरवी की है.

बता दें कि इस मामले में 617 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया. 50 हजार से ज्यादा डॉक्यूमेंट्स और एविडेंस पेश किए गए. 124 आरोपीयों में से 38 लोग सरकारी सेवक हैं, जिनमें आठ कोषागार पदाधिकारी भी शामिल रहे. 86 आपूर्तिकर्ता भी आरोपी हैं. इन आरोपीयों में 16 महिलाएं हैं.

तीन साल से अधिक की सजा पाने वाले कई आरोपीयों की उम्र 80 से 90 साल के बीच है. चारा घोटाला मामले में कुल 53 मुकदमे दर्ज किए गए हैं और डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले पर जजमेंट होने के बाद चारा घोटाला से संबंधित सभी मुकदमों पर फैसला आ चुका है.

ज्ञात हो कि संयुक्त बिहार के दौरान बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था. तब संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) हुआ करते थे. इस दौरान डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध तरीके से निकासी हुई थी. यह निकासी वर्ष 1990 से 1995 के दौरान हुआ था. इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत न्यायधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में बहस पूरी हो चुकी है.

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